यूपी सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने आजमगढ़ जिले के बस-अड्डे का निरीक्षण किया। बस अड्डे पर न तो साफ-सफाई मिली और न ही यात्रियों को पीने का पानी। महिला यात्रियों के बैठने की भी व्यवस्था न मिलने से परिवहन मंत्री ने आरएम को कड़ी फटकार लगाते हुए व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त रखने के निर्देश दिये, जिससे यात्रियों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बसों की खस्ताहाल पर कहा कि कोरोना संक्रमण कॉल से नई बसें नहीं खरीदी गई हैं। अब एक हजार नई बसें खरीदी जाएंगी और पुरानी बसों को दुरूस्त कराया जाएगा, जिससे यात्रियों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। कहा कि जिन क्षेत्रों में डग्गामार वाहन चलते हैं। उन्हें चिन्हित कराया जा रहा है, जिससे यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो। इन रूटों पर परिवहन विभाग की बसें चलाई जाएंगी। इसके साथ ही यदि इसके बाद भी डग्गामार वाहन पाए जाते हैं तो उस क्षेत्र के आरटीओ को निलंबित किया जाएगा। रोडवेज परिसर के बाहर निजी बसों में कम पैसों में यात्रा करने के चलते परिवहन बसों की राजस्व में हानि हो रही है। इन शिकायतों को दूर किया जाएगा। परिवहन मंत्री ने कहा कि हम परमिट व्यवस्था को सरल करने जा रहे हैं, जो लोग जुड़े हैं, ऑनलाइन परमिट लें। वैकल्पिक व्यवस्था से डग्गामारी रोकी जाएगी।
आजमगढ़ बस अड्डे का निरीक्षण कर बाहर निकल रहे परिवहन मंत्री को जिले की परिवहन व्यवस्था का अंदाजा इस बात से लग गया कि बड़ी संख्या में यात्री गाजीपुर जाने के लिए बसों के इंतजार में बैठे थे। परिवहन मंत्री ने जब आरएम को बुलाकर कारण पूछा तो आरएम ने बसों के संकट का हवाला दिया। ऐसे में समझा जा सकता है कि परिवहन विभाग यात्रियों की समस्याओं को लेकर कितना गंभीर है। जब मंत्री के निरीक्षण के समय यात्रियों को बस के संकट से जूझना पड़ रहा है।