अपने पिता को नहीं बचा सकी पत्रकार बरखा दत्त, पिता की मृत्यु के बाद बरखा दत्त ने लिया बड़ा फैसला

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देश की जानी-मानी महिला पत्रकार बरखा दत्त के पिता एसपी दत्त का कोरोना वायरस से निधन हो गया है। वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने मंगलवार को ट्विटर पर अपने पिता एसपी दत्त के निधन की खबर शेयर की है। एसपी दत्त एयर इंडिया के अधिकारी रहे चुके थे। एसपी दत्त का निधन कोरोनो वायरस बीमारी से जूझने के बाद मंगलवार (27 अप्रैल) की सुबह मेदांता अस्पताल में हुआ। बरखा दत्त ने पिता के निधन के बाद कई ट्वीट कर अपना दर्द जाहिर किया है। बरखा दत्त ने लिखा है, ”मैं हार गई हूं। मैं अपने पिता से किया वादा निभा नहीं पाई। मेरे पिता ने आज तक हमसे जितने भी वादे किए, सबको निभाया लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पाई।”

बरखा बोलीं- मैं हार गई, पिता को किया वादा ना निभा सकी

बरखा दत्त ने ट्वीट में लिखा, ”सबसे दयालु, सबसे प्यारे आदमी मेरे पिता एसपी डी कोविड से लड़ाई हार गए हैं।

उनका आज सुबह निधन हो गया। जब मैं उन्हें उनकी मर्जी के बिना अस्पताल ले जा रही थी तो मैंने वादा किया था कि मैं उन्हें सिर्फ दो दिनों के अंदर घर ले आऊंगी। लेकिन मैं अपना वादा नहीं निभा सकी। मैं हार गई। उन्होंने हमसे किया एक वादा कभी नहीं तोड़ा।”

पिता ने आखिरी बार कहा- ‘दम घुट रहा है, मेरा इलाज करो’

The kindest, loveliest man I have every known, my father Speedy, lost the COVID battle and died this morning. When I took him to hospital, against his will, I promised I would bring him home in two days. I couldn’t keep my word. I failed. He never broke a promise he made to us pic.twitter.com/ZUDwoa1LDa

— barkha dutt (@BDUTT) April 27, 2021

बरखा दत्त ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”मेरे पिता ने मुझसे आखिरी शब्द कहा थे- ”मेरा दम घुट रहा है, मेरा इलाज करो।” बरखा ने आगे लिखा, मेदांता हॉस्पिटल के सभी डॉक्टरों, नर्सों, वार्ड स्टाफ, सुरक्षा गार्ड, एम्बुलेंस ड्राइवरों को इतनी मेहनत करने के लिए मेरा आभार। मेरे पिता को चीजों का आविष्कार करना, ट्रेन बनाना, विमान बनाना और निश्चित रूप से, उनके पोते-पोतियों से बहुत प्यार था।”

‘मेरी सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी कि मैं Covid पर ग्राउंड रिपोर्ट करूं’

एक अन्य ट्वीट में बरखा दत्त ने लिखा, मैं अपने पिता को सुंदर आदमी, एक जुनूनी वैज्ञानिक, बिंदास पिता के रूप में याद करना चाहती हूं, जिसने मेरी बहन और मुझे पंख दिए। उन्हें (पिता को) मेरी सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी कि मैं ग्राउंड पर कोविड की रिपोर्ट करने और जरूरतमंद लोगों को आवाज देने की अपनी प्रतिबद्धता को और भी ज्यादा बढ़ा दूं।”

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