आपको बता दें अनामिका शुक्ला कासगंज के कस्तूरबा विद्यालय फरीदपुर में शिक्षिका के रूप में पूर्णकालिक रूप से सेवाएं कर रही थी। बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर जिले में अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका की तलाश की गई तो कस्तूरबा विद्यालय में यह शिक्षिका पाई गई। शुक्रवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया था। प्रदेश में इस हाई प्रोफाइल मामले को लेकर हर तरफ चर्चा है।
इससे पहले अनामिका शुक्ला कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कासगंज गई हुई थी। जहां से उसने अपने कपड़े आदि लिए थे इसके बाद वह अपने साथी के साथ बैंक से पैसे निकालने पहुंची थी। हालांकि इससे पहले ही बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उसका खाता सीज करवा दिया था। इस बात की सूचना बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पहले से ही लग गई थी बस उसके पकड़ में आने का इंतजार कर रहे थे। बीएसए को जैसे ही अनामिका के साथी ने त्यागपत्र सौंपा तो उसेे वहीं पकड़कर बैठा लिया गया। और स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई मौके पर पहुंची पुलिस ने अनामिका शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग को चमका देकर बड़ा फर्जीवाड़ा करने वाली शिक्षिका अनामिका शुक्ला को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रदेश में 25 जिलों में फर्जी तरीके से नौकरी करने के मामले में सुर्खियों में आई शिक्षिका अनामिका शुक्ला को कासगंज पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि अनामिका शुक्ला कासगंज में शनिवार को त्यागपत्र देने आई थी। अनामिका शुक्ला किसी युवक के साथ कासगंज के बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल के ऑफिस में त्यागपत्र देने आई थी। अनामिका शुक्ला ऑफिस के बाहर रोड पर ही खड़ी थी और अपने साथी युवक को त्यागपत्र के साथ ऑफिस में बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास भेजा था। लेकिन उसके साथी को दफ्तर में बैठा लिया गया इसके बाद बीएसए ने अपने ऑफिस के कर्मचारियों को भेज कर उसे सड़क से पकड़वाया और थाना सोरो पुलिस को सौंपा दिया।
आपको बता दें कि अनामिका को बीते 13 महीने में 25 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में करीब कुल एक करोड़ रुपये के मानदेय का भुगतान किया गया है। सभी 25 केजीबीवी से मानदेय एक ही बैंक खाते में गया या अलग-अलग खातों में भुगतान किया गया, इसकी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है करीब डेढ़ साल पहले उसने शिक्षक की नौकरी के लिए मैनपुरी स्थित एक व्यक्ति-‘राज ‘को 5 लाख रुपये का भुगतान किया था। इसी तरह संभवतः 24 अन्य अनामिका हैं,जिन्होंने एक व्यक्तिगत नाम अनामिका शुक्ला की योग्यता के आधार पर नौकरी की। फिलहाल 25 बेसिक शिक्षा अधिकारी मामले की छानबीन में जुटे हुए हैं।