गाजियाबाद: क्रॉसिंग रिपब्लिक के ऑर्बिट प्लाज़ा में पुलिस ने एक बड़े फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। पांचवीं मंजिल पर चल रहे इस कॉल सेंटर से विदेशी नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा था। पुलिस ने छापा मारकर 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कॉल सेंटर पर यूनिहेल्थ केयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का बोर्ड लगा हुआ था, जबकि कंपनी कागज़ों पर सॉफ्टवेयर और गेमिंग ऐप डेवलपमेंट के लिए रजिस्टर्ड है। इस नाम की आड़ में गिरोह सात साल से धंधा चला रहा था। जांच में सामने आया कि यह गिरोह विदेशी नागरिकों की डायरेक्ट्री खरीदकर उनसे संपर्क करता था। वीसी डायलर सॉफ्टवेयर से कॉल कनेक्ट करने के बाद एजेंट खुद को हेल्थकेयर कंपनियों का प्रतिनिधि बताते और लोगों से डाटा लेकर प्रोफाइल तैयार करते थे। यह डाटा बाद में कंपनियों को बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जाता था।
मास्टरमाइंड मनीष और पूरा गैंग
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने बताया कि इस रैकेट का सरगना मनीष उर्फ मोनू है, जो मूल रूप से ओडिशा के संभलपुर का रहने वाला है और वर्तमान में पंचशील वेलिंगटन सोसायटी में रहता है। गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में अजय कुमार यादव (दिल्ली बदरपुर), शिवम त्यागी (डूंडाहेड़ा), रजनीश (लालकुआं), सूजल त्यागी (बादलपुर छपरौला), हिमांशु वर्मा (राकेश मार्गे), मोहित और अंकुर (सैन विहार), संजीव यादव, प्रकाश सिंह नेगी (सेवियर ग्रीन सोसायटी) और हिमांशु कौशिक शामिल हैं।
कॉल सेंटर से बरामद सामान
पुलिस ने छापे के दौरान 25 डेस्कटॉप, 25 पावर एडॉप्टर, 25 कीपैड, 25 हेडफोन, 11 यूपीएस, नौ राउटर, तीन मोहरें, दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक कार, पैन कार्ड और 20 हजार रुपये नकद बरामद किए। कॉल सेंटर में 25 कर्मचारी काम कर रहे थे, जिन्हें 20-25 हजार रुपये मासिक सैलरी पर रखा जाता था। नए कर्मचारियों को ट्रेनिंग और स्क्रिप्ट दी जाती थी कि विदेशी नागरिकों से क्या बातचीत करनी है।
लग्जरी लाइफ जी रहा था मनीष
जांच में पता चला कि मनीष ने ऑर्बिट प्लाज़ा में पांचवीं मंजिल का पूरा ऑफिस स्पेस खरीदा हुआ है। उसके पास कई लग्जरी कारें, नामी कंपनियों की फ्रेंचाइजी आउटलेट्स और क्रॉसिंग रिपब्लिक में एक फ्लैट भी है। पुलिस ने बताया कि कुछ आरोपी अभी फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है।