बुधवार को लखनऊ में अतीक की पेशी, हमले की आशंका टेंशन में पुलिस प्रशासन, तैयारियां शुरु, बरती जा रही सुरक्षा व्यवस्था में गोपनीयता बरेली। देवरिया जेल से बरेली जिला जेल में शिफ्टिंग होने के बाद से ही शासन माफिया अतीक अहमद की सुरक्षा व्यवस्था में तमाम गोपनीयता बरती है। बावजूद इसके उनके गुर्गों का काफिला गाडय़िों से पीछा करते रहते है। ऐसे में 16 जनवरी को लखनऊ में पूर्व सांसद के केस की सुनवाई की तारीख पडऩे के बाद प्रशासन दोबारा टेंशन में आ गया है। सड़क मार्ग से लखनऊ तक ले जाने और फिर वापस बरेली लाने में पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। 16 जनवरी को सुनवाई की तारीख लगी देखकर प्रशासन ने गारद समेत गाडय़िों की व्यवस्था के लिए पत्राचार करना शुरू कर दिया है। मुख्यालय से रखी जा रही गतिविधियों पर नजर : पूर्व सांसद के जिला जेल में शिफ्ट होने के बाद लखनऊ मुख्यालय लगातार नजर बनाए हुए है। जेल के अंदर अतीक अहमद की गतिविधियों के बारे में अपडेशन लिया जा रहा है। इतना ही नहीं, जेल के बाहर भी दो बार लोगों के इक_ा होने की सूचनाओं पर भी प्रशासन लगातार निगाह बनाए हुए हैं। यही वजह है कि जेल को तकनीकी रूप से भी मजबूत बनाने की कवायद पर्दे के पीछे शुरू हो चुकी है। लगातार गुर्गे पूर्व सांसद से कर रहे मुलाकात अतीक अहमद के बरेली जिला जेल में शिफ होने के बाद से ही अतीक के गुर्गे उससे लगातार मुलाकात कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियां भी अतीक से मिलने वालों पर निगाह रख रही है। अतीक के साथ पेशी पर जाने से बच रहे पुलिसकर्मी माफिया अतीक अहमद पर हमला होने और बरेली से लखनऊ तक आने-जाने के दौरान रास्ते में आने वाली दिक्कतों के कारण कोई भी पुलिसकर्मी और अधिकारी पति को पेशी पर ले जाने के लिए राजी नहीं हो रहा है।