अक्सर कई लोग गूगल को डॉक्टर मानने लगते हैं. कोई भी बीमारी होने पर वे उसके लक्षण डालकर दवाई के बारे में सर्च करने लगते हैं. ऐसा भूलकर भी न करें. इससे आपकी जान को भी खतरा है.
कोरोनाकाल में इंटरनेट के इस्तेमाल में बढ़ोतरी देखी गई है. इसके साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. हैकर्स यूजर्स को सबसे ज्यादा शिकार गूगल पर बनाते हैं. गूगल पर हम अक्सर ऐसी जानकारियां सर्च कर लेते हैं जो हमारे लिए नुकसानदायक होती हैं. हैकर्स इन सर्च में ताक लगाए रहते हैं और जैसे ही आप इन्हें सर्च करते हैं आप इनकी ठगी का शिकार हो जाते हैं. हम आपको कुछ ऐसे सर्च के बारे में बता रहे हैं जो कि आपको नहीं करने चाहिए.
कोरोना काल में ऑनलाइन बैंकिंग और ट्रांजेक्शन पहले से ज्यादा बढ़ा है. इससे कई फायदे हैं तो नुकसान भी हैं. ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले हैकर्स बैंक की तरह URL बना देते हैं. इसके बाद हम जब भी उस बैंक का नाम डालते हैं तो हम उनके जाल में फंस जाते हैं और हमारे खाते में से पैसे चुरा लेते हैं. इसलिए हमेशा बैंक की जानकारी गूगल से न लेकर बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट से लेनी चाहिए.
हम अक्सर किसी भी कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च करते हैं. ज्यादातर लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार इसी वजह से होते हैं. हैकर्स कंपनी की नकली वेबसाइट बनाकर उसका नंबर और ईमेल आईडी गूगल पर डाल देते हैं और हम उनको मांगी गई जानकारी दे देते हैं. जिससे वे हमारे खाते में सेंध लगा देते हैं. हमें भूलकर भी किसी कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च नहीं करना चाहिए. कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से ही कस्टमर केयर का नंबर लें.
अक्सर कई लोग गूगल को डॉक्टर मानने लगते हैं. कोई भी बीमारी होने पर वे उसके लक्षण डालकर दवाई के बारे में सर्च करने लगते हैं. ऐसा भूलकर भी न करें. इससे आपकी जान को भी खतरा है. बीमारी के बारे में जानकारी जुटाना गलत नहीं है लेकिन गूगल पर किसी भी वेबसाइट के मुताबिक उसका इलाज या फिर दवाई लेना बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है.
केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देते हुए सभी योजनाओं की जानकारी इंटरनेट पर डालती है. इन योजनाओं की अपनी वेबसाइट होती है, जहां से आप उस योजना से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं. अक्सर साइबर क्रिमिनल फ्रॉड सरकारी वेबसाइट जैसी नकली वेबसाइट बना देते हैं. इससे भी हमें बचने की जरूरत है.