लखनऊ, उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए सूबे में 15 मई तक हर सात दिन बाद करीब तीन दिन (83 घंटे) के लॉकडाउन के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्कूलों के लिए भी नया निर्देश जारी दिया है। कोरोना वायरस संक्रमण पर जीत दर्ज करने के बाद लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर टीम-9 का गठन किया है। अब यह टीमें कोरोना को लेकर प्रदेश में तीव्र गति से काम करेगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोविड संक्रमण के दृष्टिगत प्रदेश में अब कक्षा एक से 12वीं तक के सभी विद्यालयों में दस मई तक अवकाश रखा जाए। इस दौरान सभी कोचिंग संस्थाएं भी बंद रहेंगी। इतना ही नहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान सभी ऑनलाइन कक्षाएं भी स्थगित रखने का निर्देश दिया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि अब प्रदेश में 15 मई तक शुक्रवार (आज रात) रात्रि आठ बजे से हर मंगलवार प्रात: सात बजे तक साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। इस अवधि में सभी जगह पर औद्योगिक गतिविधियां यथावत संचालित होती रहें। टीकाकरण के लिए आवागमन करने वालों को भी छूट दी जाएगी। इसके अलावा सभी जगह पर केवल आवश्यक सेवाएं जारी रहेगी। आवश्यकतानुसार पास जारी किया जा सकता है।
रेफरल लेटर की जरूरत नहीं : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के किसी अस्पताल में किसी भी मरीज को भर्ती होने के लिए किसी भी प्रकार के रेफरल लेटर की कोई आवश्यकता नहीं है। कोई भी मरीज सुविधानुसार किसी भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट हो सकता है। यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू को जाए। बेड रिक्त होने पर कोई कोविड हॉस्पिटल (निजी और सरकारी) मरीज को इनकार नहीं कर सकता। निजी असप्ताल में यदि कोई मरीज इलाज का खर्च दे पाने में असमर्थ है तो राज्य सरकार उसका भुगतान करेगी। अब सभी कोविड अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के बारे में आइसीसीसी के पास विधिवत जानकारी होनी चाहिए।
संक्रमितों के स्वजन को मिले सभी जानकारी: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि संक्रमितों के स्वजन को हर दिन उनके पीडि़त के स्वास्थ्य की जानकारी जरूर दी जाए। सभी सरकारी और निजी अस्पताल में यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू की जाए। इस अभियान की मुख्य सचिव कार्यालय इस व्यवस्था की समीक्षा करें।
और बेहतर हो ऑक्सीजन सप्लाई: सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि प्रदेश में सभी जगह पर ऑक्सीजन की सप्लाई और बेहतर करने की आवश्यकता है। अब तो यह हर दिन बेहतर होती जा रही है। लागातर प्रयासों से आज प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन की उपलब्धता कराई जा रही है। सूबे के लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज व वाराणसी जैसे अधिक संक्रमण वाले जिलों में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही आगरा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। इसी प्रकार, बलिया, चंदौली, अमरोहा, बिजनौर, लखीमपुर, बहराइच जैसे जिलों की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इन्हेंं संबंधित मंडलों से सप्लाई कराई जाए। ऑक्सीजन के संतुलित उपयोग के दृष्टिगत ऑक्सीजन ऑडिट की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर आपूर्ति -वितरण के संबंध में आगे की कार्यवाही की जाए। अब किसी भी मेडिकल कॉलेज/अस्पताल में ऑक्सीजन का अनावश्यक उपयोग न हो। अब पश्चिम बंगाल के तीन क्षेत्रों और जमशेदपुर से भी आपूॢत हो रही है। दो नई ऑक्सीजन रेल संचालित की जा रही है। उद्योग जगत से भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता बढ़ाये जाने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं। विदेश से भी टैंकरों की सप्लाई है। उद्योग जगत से भी सहयोग मिल रहा है। ऐसे में आपूॢत के लिए टैंकरों की संख्या भी बढ़ी है।सभी ऑक्सीजन टैंकर जीपीएस से लैस रहें। उनकी लाइव मॉनिटरिंग की जाए।
होम आइसोलेशन वालों से संवाद करे सीएम हेल्पलाइन: मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन में इलाजरत लोगों कभी-कभी बेपरवाह हो जाते हैं। हमको इनकी सभी जरूरतों का पूरा ध्यान रखना होगा। सीएम हेल्पलाइन 1076 से इन लोगों से हर दिन संवाद बनाया जाए। सभी तय प्रोटोकॉल के अनुरूप इन्हेंं दवाओं का मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए। मेडिकल किट वितरण में निगरानी समितियों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। इनसे लागातर संवाद बनाते हुए व्यवस्था को सुचारू रखा जाए। टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट के सिद्धांत को ईमानदारी से लागू करने का ही परिणाम है कि प्रदेश के रिकवरी दर में लगातार सुधार हो रहा है। अब सभी प्रदेशवासी कोविड विहैवियर को जीवनशैली में शामिल करें। विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल गठित करें। लोगों को सही जानकारी दी जाए। किसे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है, किसे रेमेडेसीवीर की जरूरत है और किन मरीज को ऑक्सीजन की अनिवार्यता है। अनावश्यक भय और अज्ञानता के कारण लोग इन आवश्यक चीजों के संग्रहण कर रहे हैं। इससे व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
मानव संसाधन बढ़ाएं: मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड कार्य में आवश्यकता के अनुसार मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। अब तो मेडिकल/नर्सिंग /फार्मेसी के अंतिम वर्ष के छात्रों का सहयोग लिया जाए। एक्स आर्मी मैन, सेवानिवृत्त मेडिकल स्टाफ की सेवाएं ली जानी चाहिए।
सक्रिय हो आयुष विभाग: उन्होंने कहा कि अब की तरफ से बड़ा अभियान छेडऩे की जरूरत है। इस विभाग को जागरूकता प्रसार के दृष्टिगत विशेष प्रयास करने की जरूरत है। घर-घर आयुष काढ़ा उपलब्ध कराया जाए। इम्यूनिटी बढ़ाने के संबंध में आयुष विधियों के सरल उपायों से लोगों को अवगत कराया जाना चाहिए। इसके साथ ही साथ आयुष कवच एप का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
युद्ध स्तर पर हों सभी काम: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नगर विकास विभाग अब तो स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फॉगिंग कार्य को युद्ध स्तर पर करे। इसके लिए फायर विभाग के वाहनों का भी उपयोग किया जाए। मास्क के अनिवार्य उपयोग के सम्बन्ध में प्रवर्तन की कार्यवाही प्रभावी ढंग से जारी रखी जाए। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समिति पूरी सक्रियता से कार्य करें।
ग्रामीण क्षेत्रों की अनदेखी न हो: मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियाशील सीएचसी की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जाए। यहां प्राथमिकता के आधार पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराया जाए। प्रत्येक जिले में दो सीएचसी को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है। यह कार्य तेजी से पूरा किया है। यहां सभी जरूरी चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 20-20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए वित्तीय प्रबन्ध हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित कराने की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रयास होगा। इसके लिए देश के भीतर उपलब्ध आपूॢतकर्ता कंपनियों के साथ-साथ बाहरी कंपनियों से भी आवश्यकतानुसार संपर्क किया जाए। भारत सरकार ने 1500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मुहैया कराए हैं, इन्हेंं जिलों में उपलब्ध करा दिया गया है। इसके अलावा, पीएम केयर्स के माध्यम से और भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
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