विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है… जहां अखिलेश यादव छोटे-छोटे दलों को मिलाकर बीजेपी को हराने की जद्दोजहद में लगी हुई है तो वहीं बीजेपी भी साइलेंट किलर की तरह काम कर रही है…. भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश यादव के साथ एक बड़ा गेम कर दिया है… और वह गेम क्या है इसे जानने से पहले आपको उत्तर प्रदेश की सियासत की क्रोनोलॉजी समझनी होगी….
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से लगातार हिस्सेदारी की बात करते नजर आते हैं… लेकिन अब वह इस हिस्सेदारी में अकेले नहीं है उनके साथ एक और नाम जुड़ गया है… भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर रावण ने भी अखिलेश यादव से हिस्सेदारी की मांग कर दी है… उन्होंने तो सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को ही डिप्टी सीएम बनाने की मांग कर दी है…
अब सवाल यह उठता है कि हर दल सिर्फ अखिलेश यादव से ही हिस्सेदारी के बात क्यों करता है कोई भी दल बीजेपी से बसपा से हिस्सेदारी की बात क्यों नहीं करता है… अब सवाल यह उठता है कि बसपा को भी दलितों का अल्पसंख्यकों का वोट चाहिए और भाजपा भी जनरल कैटेगरी के वोटों पर निगाह गड़ाए रहती है… हर दल समाजवादी पार्टी के साथ सिर्फ इसलिए जुड़ रही है कि वह भाजपा को हरा सके तो फिर बीच में यह हिस्सेदारी की बात कहां से आ जाती है ऐसे में सवाल यह उठता है कि इसमें भी भाजपा का बड़ा हाथ है…
बीजेपी ने अखिलेश यादव के साथ कर दिया बड़ा गेम प्लान
ओवैसी के तर्ज पर चंद्रशेखर रावण ने भी मांगी हिस्सेदारी
आखिर हर दल अखिलेश से ही क्यों मांग रहा हिस्सेदारी?
भाजपा व बसपा से क्यों नहीं मांग रहा हिस्सेदारी
महागठबंधन का विलय होना लगभग तय माना जा रहा
बीजेपी के चाणक्य नीति से कैसे निकलेंगे अखिलेश!
अखिलेश यादव के नैया को कौन लगाएगा पार
अब कयास यह लगाए जा रहे हैं कि कही भाजपा ने ही तो नहीं चंद्रशेखर रावण को अखिलेश यादव से हिस्सेदारी की बात करने के लिए कहा है… अगर यह बात सच साबित होती है तो उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया भूचाल आने वाला है… अगर हर दल हिस्सेदारी की बातें करने लगा तो अखिलेश यादव किसे किसे संतुष्ट कर पाएंगे…
ऐसे में इस महागठबंधन का विलय होना तय माना जा रहा है..