पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव बीजेपी में शामिल हो गई हैं…. अपर्णा के बीजेपी में जाने के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गयी है… कभी सपा बीजेपी के करीबी नेताओं को तोड़ कर लाती है तो कभी बीजेपी सपा के मजबूत किलो में ही सेंध लगा देती है… अपर्णा यादव के बाद अब अखिलेश यादव के मौसा भी बीजेपी का दामन थाम लिए है… अखिलेश के इन दो करीबियों के बीजेपी में जाने से कितना फायदा या नुकसान होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा…हालांकि, सबको पता है अगले 48 दिन, यानी 10 मार्च तक उन्हें 40 साल पुरानी लव स्टोरी दर्द देती रहेगी…
अब यह समझने की कोशिश करेंगे की अपर्णा यादव कौन है और अपर्णा यादव का मुलायम सिंह यादव के परिवार से क्या रिश्ता है बात उस वक्त की है…जब अखिलेश यादव 9 साल के थे… अखिलेश राजनीति या इश्क नहीं समझते थे.. तब पापा के साथ खेलते हुए उन्हें ये पता नहीं था कि उस वक्त जो हो रहा था उस पर 40 साल बाद उन्हें जवाब देना पड़ेगा… 19 जनवरी 2022 को अखिलेश एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे… एक पत्रकार ने पूछा- अखिलेश जी अपर्णा BJP में चली गईं… क्या कहेंगे… अखिलेश को जवाब देते नहीं बन रहा था… अखिलेश यादव को इस बात का जरा सा अंदाजा नहीं था कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव द्वारा की गई गलती का जवाब उन्हें 40 साल बाद देना पड़ेगा….
कहानी शुरू होती है 40 साल पहले यानी कि 1982 में……देश में कांग्रेस टूट रही थी.. UP में पिछड़ा वर्ग, खासकर के यादवों का दबदबा बढ़ रहा था… यादवों को उनके नेताजी जो मिल गए थे… जनता, पार्टी और नई उम्र की लड़कियां तक उस हंसमुख चेहरे पर फिदा थीं… जिसका नाम मुलायम सिंह यादव था…तब समाजवादी पार्टी नहीं थी…राष्ट्रीय लोकदल था….औरैया जिले के बिधूना के रहने वाले कमलापति की 23 साल की बेटी नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही थी… लेकिन वो राजनीति में कुछ करना चाहती थी… वो गोल-मटोल स्वीट सी दिखने वाली लड़की कुछ राजनीतिक कार्यक्रमों में आई..उसी दरमियान मुलायम की आंखें उससे टकराईं… और मुलायम सिंह यादव को उससे प्यार हो गया जिसका नाम साधना गुप्ता था….तब क्या हुआ और क्या नहीं, सिर्फ एक ही शख्स जानता था.. और उस शख्स का नाम था अमर सिंह जो अब नहीं रहे….साल 1982 से 1988 तक अमर सिंह इकलौते ऐसे शख्स थे जो जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है… उन्होंने किसी से कहा नहीं…कहते भी कैसे- मुलायम के घर में पत्नी मालती देवी और बेटे अखिलेश थे…
यह तो मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता की लव स्टोरी थी अब बात करेंगे प्रतीक यादव और अपर्णा यादव की लव स्टोरी की… अपर्णा यादव, मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं. प्रतीक यादव राजनीति से जितने दूर हैं, अपर्णा यादव राजनीति के उतने ही करीब हैं, प्रतीक यादव जितना लाइमलाइट से बचते हैं, वहीं अपर्णा यादव किसी न किसी कारण सुर्खियों में बनी रहती हैं. इन सब के बाद भी दोनों की लव स्टोरी बेहद दिसचस्प है…अपर्णा यादव को बचपन से ही संगीत से लगाव रहा है. स्कूल के दिनों में वह म्यूजिक क्लब प्रेसिडेंट भी रही थीं. अपर्णा यादव जब एक बार स्कूल इवेंट के दौरान प्रतीक यादव के स्कूल में गई, तब उनसे प्रतीक ने बातों ही बातों में ई-मेल आईडी मांग ली थी. अपर्णा ने आगे बताया कि आईडी लेने के बाद प्रतीक उन्हें अक्सर मैसेज करते रहते थे, और फिर दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई….अपर्णा और प्रतीक यादव की सगाई साल 2010 में और फिर शादी दिसंबर 2011 में हुई थी.. अपर्णा की शुरू से राजनीति में दिसचस्पी नहीं थी. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मुलायम सिंह के कहने पर वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुईं, जिसके बाद पहली बार उन्होंने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन इस चुनाव में वह बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी से हार गईं थी….
अपर्णा यादव का राजनीति में दिलचस्पी बढ़ती गई…लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा अपर्णा यादव को लगातार अनदेखा किया गया… अखिलेश द्वारा अनदेखी से आहत होकर अपर्णा यादव भाजपा में शामिल हो गई… दया से भी लगाए जा रहे हैं कि अब अपर्णा यादव भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ सकती हैं… लेकिन इसका- समाजवादी पार्टी को कितना फायदा या नुकसान होता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा…