मेरी क्या गलती है…जब सेलेक्शन नहीं होने पर तेज गेंदबाज का छलका था दर्द

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नई दिल्ली: टीम इंडिया में कई टैलेंटेड खिलाड़ी हैं और स्क्वाड के साथ प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना टेढ़ी खीर साबित हो जाता है… टीम में जगह बनाने के लिए फिटनेस से ज्यादा किस्मत की जरूरत होती है…अभी भी भारत के पास टैलेंट की कमी नहीं है कई ऐसे भारतीय गेंदबाज हैं जो टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं उनका प्रदर्शन बेहद शानदार है लेकिन फिर भी उन्हें टीम इंडिया में जगह नहीं मिल पा रही है दरअसल टीम इंडिया में कई बेहतरीन गेंदबाज मौजूद है जिसमें मोहम्मद शमी मोहम्मद सिराज जैसे कई दिग्गज गेंदबाज पहले से ही शामिल है ऐसे में इनके टीम में होने से कई गेंदबाजों को टीम इंडिया में एंट्री नहीं मिल पा रही है….ऐसा ही कुछ टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव के साथ हुआ था जब उन्हें सेलेक्टर्स ने उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. जिसके बाद वह पूरी तरह से निराश हो गए थे. पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने इस पूरी घटना का खुलासा किया..

क्रिकबज से बात करते हुए अरुण ने याद किया कि कैसे टीम इंडिया का चयन अक्सर उमेश यादव को यह सोचने पर मजबूर कर देता था कि “मैंने क्या गलत किया?” इस पर वे अक्सर जवाब देते नहीं बनते थे, लेकिन उनके पास समझाने के लिए बहुत कुछ था। भारत के पूर्व कोच ने स्वीकार किया कि फिट ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के साथ उमेश को शानदार गेंदबाजी करने के बावजूद बाहर रहना पड़ा..भारत के पूर्व कोच अरुण का मानना है कि उमेश यादव बहुत शानदार गेंदबाज है लेकिन टीम में पहले से मौजूद कई गेंदबाजों की वजह से उन्हें टीम में शामिल नहीं किया जाता था जिससे वो बेहद निराश हो जाते थे किसी से बात तक नहीं करते थे लेकिन बाद में वह समझ जाते थे कि मेरे अलावा और भी कई बेहतरीन गेंदबाज हैं जो पहले से टीम का हिस्सा है…

पूर्व कोच ने किया खुलासा
उन्होंने कहा- ऐसे कई उदाहरण हैं जब उमेश टीम का हिस्सा नहीं होने से निराश थे, खासकर बहुत अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी उन्हें शामिल नहीं किया जा रहा था। वह मेरे पास आते और कहते- ‘तुमने मुझे क्यों ड्रॉप किया? मेरी क्या गलती है, मैंने क्या गलत किया है?’ हालांकि यह एक बहुत कठिन निर्णय होता था क्योंकि उनके जैसे इतने ही तेज गेंदबाज थे। खासकर जब शमी, बुमराह और ईशांत जैसे तेज गेंदबाज थे और हार्दिक पंड्या चौथे तेज गेंदबाज के रूप में काम कर रहे थे, तब यह काम और मुश्किल हो जाता। उमेश सुंदर गेंदबाजी कर रहे थे, लेकिन उन्हें लगातार ड्रॉप किया जा रहा था….भारत के पूर्व गेंदबाज ने कहा कि चयन विकल्पों पर भले ही उमेश नाराज हो जाते और एक दिन के लिए उनसे बात नहीं करते, लेकिन स्थिति को समझकर वापस लौट आते। अरुण ने उमेश को परफेक्ट टीम मैन कहा। उन्होंने कहा- कभी-कभी वह इतना क्रोधित हो जाता कि एक दिन के लिए मुझसे बात नहीं करता, लेकिन फिर वह मेरे पास आता और कहता कि मैं समझता हूं। तब मैं उनसे कहता ‘यदि आप क्रोधित नहीं हैं, तो आपके साथ कुछ गड़बड़ है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो आप चीजों को नम्रता से स्वीकार कर रहे हैं।’ उमेश काफी शानदार थे। वह एक आदर्श टीम मैन हैं, जिसे आप अपने पक्ष में रखना चाहेंगे..

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