चुनावी सरगर्मियों के बीच टिकट के बंटवारे को लेकर किसी की आंखों से आंसू निकल रहे हैं तो कोई सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहा है इस बीच समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों को थोड़ा इधर उधर किया…जिसके बाद खुद अखिलेश यादव संकट में आ गए।
दरअसल ये विरोध प्रदर्शन की जो वीडियो आप हमारे स्क्रीन पर देख रहे हैं यह अंबेडकर नगर जनपद के टांडा विधानसभा सीट की है जहां पर मुसलमान समाजवादी पार्टी का झंडा जलाते नजर आ रहे हैं और अखिलेश यादव मुर्दाबाद समाजवादी पार्टी मुर्दाबाद के नारे लगा रहे है…
मुसलमानों का मानना है कि समाजवादी पार्टी ने बाहरी प्रत्याशी भेजकर मुसलमानों के साथ गद्दारी की है क्योंकि बड़ी संख्या में मुसलमान यहां पर मतदाता है मुस्लिम बहुल सीट होने के कारण यहां मुसलमानों में भारी आक्रोश है कई लोगों का मानना है कि समाजवादी पार्टी में जीतने वाले प्रत्याशियों ने जो मुस्लिम थे उन्होंने टिकट की दावेदारी की इसके बावजूद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाहरी प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतार दिया जिससे मुसलमानों में भारी आक्रोश है।
समाजवादी पार्टी ने किस प्रत्याशी को भेजा और क्यों लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है दरअसल समाजवादी पार्टी में बीते दिनों बसपा के कद्दावर नेता राम अचल राजभर ने बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया राम अचल राजभर और सपा से राममूर्ति बर्मा अकबरपुर विधानसभा सीट से आमने सामने टक्कर देते थे बसपा के कद्दावर नेता होने के कारण अखिलेश यादव को मजबूरन राम अचल राजभर को अकबरपुर विधानसभा सीट से सपा से टिकट दे दिया….जिसके बाद राममूर्ति बर्मा जो समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता है और सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं उनमें और उनके कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश देखने को मिला…फिर उसके बाद समाजवादी पार्टी ने राममूर्ति वर्मा को मनाने के लिए अकबरपुर विधानसभा सीट से सटी हुई टांडा विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया… जिसके बाद यह आक्रोश और बढ़ गया अखिलेश यादव ने सोचा कि समाजवादी पार्टी का कोई भी उम्मीदवार कहीं से भी लड़ाएंगे…. इस बार जीत पक्की होगी लेकिन ठीक इसका उल्टा दिखाई दे रहा है… अकबरपुर विधानसभा से राममूर्ति वर्मा को हटाकर टांडा विधानसभा का प्रत्याशी बनाया गया इसके बाद मुसलमानों का आक्रोश सातवें आसमान पर दिखाई दे रहा है और समाजवादी पार्टी मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं सोशल मीडिया पर लोगों ने यहां तक लिखा यह बात टांडा तक नहीं है बल्कि पूरे अंबेडकरनगर और पूरे प्रदेश भर में मुसलमान समाजवादी पार्टी का विरोध करेंगे अगर ऐसा हुआ तो समाजवादी पार्टी को भारी नुकसान होगा जिस पर अखिलेश यादव को एक बार मंथन करने की जरूरत है।