कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए बचाव एवं रोकथाम के लिए हेल्प डेस्क का सुविधा का आयोजन

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कोरोना पर नियंत्रण के लिये हेल्प डेस्क


लखनऊ ; उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने आज कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए बचाव एवं रोकथाम की सटीक जानकारी एवं सरकार द्वारा इस हेतु उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की सूचना प्रत्येक स्तर पर पहुंचाए जाने हेतु सभी विभागों के समस्त स्तरों महानिदेशालय, निदेशालय, मण्डल एवं जनपदस्तरीय कार्यालय, ब्लाक स्तरीय के कार्यालयों/सम्बद्ध या सहयोगी संस्थाओं के कार्यालयों में जहां अधिक संख्या में नागरिक नियमित सेवाओं के लिए आते हैं, कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किए जाने के संबंध में पूर्व में दिशा-निर्देश निर्गत किये गये थे।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 का संक्रमण पुनः तीव्र गति से बढ़ रहा है, इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था की जाये। अतः उक्त कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना एवं क्रियान्वयन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, जिसके अनुसार प्रदेश सरकार के अधीनस्थ सभी विभागों एवं उससे सम्बद्ध संस्थाओं के प्रत्येक स्तर के ऐसे कार्यालयों में, जहां काफी संख्या में कर्मचारियों एवं जनता का आना-जाना होता हो, कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा तथा कोविड हेल्प डेस्क पर कोविड से बचाव हेतु अपनाये जाने वाले व्यवहार तथा हेल्पलाइन से सम्बन्धित पोस्टर लगाया जाएगा।

कोविड हेल्प डेस्क पर एक कर्मचारी की रोस्टर के आधार पर दो सप्ताह के लिए तैनाती की जाएगी। दो सप्ताह की अवधि पूर्ण होने पर दूसरे कर्मचारी को तैनात किया जाएगा। हेल्प डेस्क पर तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों को कोविड-19 के लिए अपेक्षित सामान्य जानकारी से भिज्ञ किया जाएगा।

कोविड हेल्प डेस्क पर तैनात कर्मचारी के द्वारा नियमित रूप से मॉस्क एवं ग्लब्स पहना जाएगा तथा आगंतुकों से सम्पर्क करते समय न्यूनतम 2 गज की दूरी बनाए रखने की व्यवस्था की जाएगी। कोविड हेल्प डेस्क पर सैनिटाइजर थर्मल स्कैनर एवं पल्स आक्सीमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाएगा। लक्षणात्मक लोगों के ऑक्सीजन सेचुरेशन की जांच पल्स ऑक्सीमीटर से की जाएगी। इस हेतु संबंधित कर्मी को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इसकी रीडिंग 94 प्रतिशत से कम आने पर प्रकरण मुख्य चिकित्साधिकारी, निकटस्थ सी0एच0सी0, जिला चिकित्सालय को सन्दर्भित किया जाएगा। प्रत्येक प्रयोग के पश्चात पल्स आक्सीमीटर को हाइड्रोजन पराक्साइड से विसंक्रमित किया जाएगा। कोविड हेल्प डेस्क द्वारा सभी कर्मचारियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने एवं इसका सक्रिय उपयोग करने हेतु प्रेरित किया जाएगा।यदि कोई कर्मचारी खासी, बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश से पीड़ित है तो ऐसा कर्मचारी डयूटी पर न आए।

कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए बचाव एवं रोकथाम के लिए हेल्प डेस्क का सुविधा का आयोजन

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कोरोना पर नियंत्रण के लिये हेल्प डेस्क


लखनऊ ; उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने आज कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए बचाव एवं रोकथाम की सटीक जानकारी एवं सरकार द्वारा इस हेतु उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की सूचना प्रत्येक स्तर पर पहुंचाए जाने हेतु सभी विभागों के समस्त स्तरों महानिदेशालय, निदेशालय, मण्डल एवं जनपदस्तरीय कार्यालय, ब्लाक स्तरीय के कार्यालयों/सम्बद्ध या सहयोगी संस्थाओं के कार्यालयों में जहां अधिक संख्या में नागरिक नियमित सेवाओं के लिए आते हैं, कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किए जाने के संबंध में पूर्व में दिशा-निर्देश निर्गत किये गये थे।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 का संक्रमण पुनः तीव्र गति से बढ़ रहा है, इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था की जाये। अतः उक्त कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना एवं क्रियान्वयन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, जिसके अनुसार प्रदेश सरकार के अधीनस्थ सभी विभागों एवं उससे सम्बद्ध संस्थाओं के प्रत्येक स्तर के ऐसे कार्यालयों में, जहां काफी संख्या में कर्मचारियों एवं जनता का आना-जाना होता हो, कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा तथा कोविड हेल्प डेस्क पर कोविड से बचाव हेतु अपनाये जाने वाले व्यवहार तथा हेल्पलाइन से सम्बन्धित पोस्टर लगाया जाएगा।

कोविड हेल्प डेस्क पर एक कर्मचारी की रोस्टर के आधार पर दो सप्ताह के लिए तैनाती की जाएगी। दो सप्ताह की अवधि पूर्ण होने पर दूसरे कर्मचारी को तैनात किया जाएगा। हेल्प डेस्क पर तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों को कोविड-19 के लिए अपेक्षित सामान्य जानकारी से भिज्ञ किया जाएगा।

कोविड हेल्प डेस्क पर तैनात कर्मचारी के द्वारा नियमित रूप से मॉस्क एवं ग्लब्स पहना जाएगा तथा आगंतुकों से सम्पर्क करते समय न्यूनतम 2 गज की दूरी बनाए रखने की व्यवस्था की जाएगी। कोविड हेल्प डेस्क पर सैनिटाइजर थर्मल स्कैनर एवं पल्स आक्सीमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाएगा। लक्षणात्मक लोगों के ऑक्सीजन सेचुरेशन की जांच पल्स ऑक्सीमीटर से की जाएगी। इस हेतु संबंधित कर्मी को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इसकी रीडिंग 94 प्रतिशत से कम आने पर प्रकरण मुख्य चिकित्साधिकारी, निकटस्थ सी0एच0सी0, जिला चिकित्सालय को सन्दर्भित किया जाएगा। प्रत्येक प्रयोग के पश्चात पल्स आक्सीमीटर को हाइड्रोजन पराक्साइड से विसंक्रमित किया जाएगा। कोविड हेल्प डेस्क द्वारा सभी कर्मचारियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने एवं इसका सक्रिय उपयोग करने हेतु प्रेरित किया जाएगा।यदि कोई कर्मचारी खासी, बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश से पीड़ित है तो ऐसा कर्मचारी डयूटी पर न आए।

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