आजमगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. केएम सिंह का कहना है कि गेहूं की वैरायटी काला सोना नाम से जानी जाती है। इस प्रजाति में एंथोसाइन इन पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है और यही कारण है कि मधुमेह मोटापा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए रोग रोधक क्षमता भी विकसित करता है। वरिष्ठ वैज्ञानिक का कहना है कि इस गेहूं से रोटी बहुत मुलायम और स्वादिष्ट बनती है। बताया कि उत्पादन जरूर 15 प्रतिशत कम होता है पर इसके उत्पादन से किसानों की आय दोगुनी होती है। यदि काला सोना गेहूं का उत्पादन किसान करते हैं तो जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रहे हैं निश्चित रूप से उसमें या काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि किसानों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए जिला स्तर पर ब्लॉक स्तर पर ग्राम स्तर पर लगातार गोष्ठियों की जा रही हैं, जिससे इसके बारे में जागरूक किया जा सके। बताते चलें कि सामान लागत में दोगुनी आमदनी कर किसानों को भी काला गेहूं से बहुत उम्मीदें हैं। इस फसल के उत्पादन से किसानों की लागत में बढ़ोतरी नहीं होगी बल्कि उत्पादन में कमी जरूर आएगी, लेकिन बाजार में यह काला गेहूं दोगुनी कीमत पर बिकेगा और जिससे किसान लाभान्वित होंगे।