ठण्ड शुरू होने के बावजूद भी परिषदीय स्कूलों में नहीं बांटे गए स्वेटर…

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उत्तर भारत में ठंड शुरू हो चुकी है लेकिन अभी तक परिषदीय स्कूलों में बांटा जाने वाला स्वेटर अभी तक नहीं बता गया। जबकि स्वेटर बांटने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर निर्धारित थी। जिससे इस ठण्ड में बच्चे ठण्ड में बिना स्वेटर के स्कूलों में नजर आ रहे है। दिसम्बर महीने में उत्तर भारत में अच्छी ठंड शुरू हो जाती है। जिसकी वजह से बेसिक शिक्षा विभाग नवम्बर माह की ३० तारीख तक बच्चो को स्वेटर देने की बात कही गई थी। लेकिन दिसंबर माह शुरू होने के बाद भी अभी तक सिद्धार्थनगर जिले के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले दो लाख सत्तर हजार बच्चों को अभी तक स्वैटर नही मिल सका। इस बड़ी लापरवाही के चलते लाखों मासूम बच्चे ठंढ झेलने को मजबूर हैं। ज़िले के बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ बाइस हज़ार बच्चों को ही अभी तक स्वैटर दिया जा सका है वही ज़िले में बच्चों के स्वैटर के बारें में मौजूद अध्यापकों से बात की गई तो उन्होने बताया कि विभाग से अभी तक स्वेटर नहीं मिला है जैसे ही मिलेगा हम बच्चों को स्वैटर उपलब्ध करा देंगे । वही जब हमने इस मामले को लेकर जिलाधिकारी से बात की तो उन्होंने इसकी वजह टेंडर का लेट होना बताया साथ ही बताया कि सत्तर हजार स्वैटर की सप्लाई अभी दो दिन पहले हुई और पांच तारीख तक किसी भी हालत में सभी स्कूलों तक स्वैटर पहुँच जाएगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ठंढ की मार झेल रहे इन मासूम बच्चों की इस हालत के ज़िम्मेदार आखिर कौन हैं? और यह बात भी सोचने वाली कि मंत्री के गृह जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग का यह हाल है तो पूरे प्रदेश में क्या होगा?

ठण्ड शुरू होने के बावजूद भी परिषदीय स्कूलों में नहीं बांटे गए स्वेटर…

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उत्तर भारत में ठंड शुरू हो चुकी है लेकिन अभी तक परिषदीय स्कूलों में बांटा जाने वाला स्वेटर अभी तक नहीं बता गया। जबकि स्वेटर बांटने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर निर्धारित थी। जिससे इस ठण्ड में बच्चे ठण्ड में बिना स्वेटर के स्कूलों में नजर आ रहे है। दिसम्बर महीने में उत्तर भारत में अच्छी ठंड शुरू हो जाती है। जिसकी वजह से बेसिक शिक्षा विभाग नवम्बर माह की ३० तारीख तक बच्चो को स्वेटर देने की बात कही गई थी। लेकिन दिसंबर माह शुरू होने के बाद भी अभी तक सिद्धार्थनगर जिले के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले दो लाख सत्तर हजार बच्चों को अभी तक स्वैटर नही मिल सका। इस बड़ी लापरवाही के चलते लाखों मासूम बच्चे ठंढ झेलने को मजबूर हैं। ज़िले के बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ बाइस हज़ार बच्चों को ही अभी तक स्वैटर दिया जा सका है वही ज़िले में बच्चों के स्वैटर के बारें में मौजूद अध्यापकों से बात की गई तो उन्होने बताया कि विभाग से अभी तक स्वेटर नहीं मिला है जैसे ही मिलेगा हम बच्चों को स्वैटर उपलब्ध करा देंगे । वही जब हमने इस मामले को लेकर जिलाधिकारी से बात की तो उन्होंने इसकी वजह टेंडर का लेट होना बताया साथ ही बताया कि सत्तर हजार स्वैटर की सप्लाई अभी दो दिन पहले हुई और पांच तारीख तक किसी भी हालत में सभी स्कूलों तक स्वैटर पहुँच जाएगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ठंढ की मार झेल रहे इन मासूम बच्चों की इस हालत के ज़िम्मेदार आखिर कौन हैं? और यह बात भी सोचने वाली कि मंत्री के गृह जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग का यह हाल है तो पूरे प्रदेश में क्या होगा?

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