दिल्ली में चल रही लगातार सीलिंग पर अब दिल्ली के व्यापारियों ने एक निर्णायक संघर्ष करने की ठान ली है और सीलिंग को दिल्ली से समाप्त करने के लिए पूरी तरह कमर कस ली है जिसके लिए नए साल से दिल्ली भर में एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है ! इस आंदोलन की शुरुआत आगामी 3 जनवरी को दिल्ली में सीलिंग के ख़िलाफ़ एक विराट धरने से होगी । यह निर्णय कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) द्वारा आज हुई एक बैठक में दिल्ली के 75 से अधिक प्रमुख व्यापारी संगठनों ने लिया । कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की दिल्ली में सीलिंग व्यापारियों के लिए एक बड़ा मुद्दा हैं क्योंकि यह सीधा उनकी रोजी रोटी से जुड़ा है ! गत एक वर्ष में दिल्ली में हजारों दुकाने सील हो गई हैं और हजारों दुकानों पर सीलिंग की तलवार लटकी हुई है लेकिन व्यापारियों की कोई सुनने वाला नहीं है ! सुप्रीम कोर्ट में मामला एक लम्बे समय से लंबित है और कोई फैसला नहीं हो रहा है ! व्यापारियों का पक्ष रखा ही नहीं जा रहा और मॉनिटरिंग कमेटी एक तानाशाह की तरह दिल्ली में अड़ियल रवैय्ये से काम कर रही है ! ऐसे में अब व्यापारियों के सामने अपनी बात रखने के लिए आंदोलन के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है ! उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा की सरकारी ज़मीन पर यदि किसी ने क़ब्ज़ा किया हुआ है तो उसके ख़िलाफ़ कारवाई की जाए, व्यापारियों को कोई एतराज नहीं होगा ! श्री खंडेलवाल और कैट के दिल्ली प्रदेश महामंत्री श्री देव राज बवेज़ा ने बताया कैट ने आंदोलन के लिए एक मांग पत्र तैयार किया है जिसमें सील हुई दुकानों को खोलने एवं दिल्ली में किसी भी तरह की सीलिंग पर रोक लगाने हेतु सरकार द्वारा तुरंत या तो संसद के इसी सत्र में बिल लाने अथवा सत्र के तुरंत बाद एक अध्यादेश लाने की माँग की गई है । यह भी मांग की गई है की जिन मार्केटों को शिफ्ट होना है उन्हें शिफ्ट होने वाले स्थान पर सारी ढांचा गत सुविधाएँ पहले उपलब्ध कराई जाएँ और इन क्षेत्रो को डीडीए एवं नगर निगम द्वारा जो नोटिस दिए गए हैं उन्हें तत्काल वापिस लिया जाए ! व्यापारी शिफ्ट होने के तैयार हैं लेकिन मास्टर प्लान के प्रावधानों का पालन करते हुए उनके वर्तमान जगह पर ऑफिस जारी रखने में कोई रोक टोक न लगाई जाए ! स्पेशल एरिया जिसमें शहरी क्षेत्र, करोल बाग़, सदर बाज़ार, पहाड़गंज, दरिया गंज आदि आता है पर कन्वर्जन शुल्क के बारे में स्तिथि स्पष्ट की जाए श्री खंडेलवाल एवं श्री बवेजा ने यह भी कहा की अध्यादेश अथवा बिल में सरकार एक कट ऑफ़ डेट घोषित करे और उस तारीख़ तक दिल्ली में जैसा है जहाँ है के आधार पर सभी सम्पत्तियों को यथावत रखा जाए । इस एवज़ में यदि कोई उचित शुल्क लगाया जाता है तो व्यापारी वो भी देने को तैयार हैं । उन्होंने कहा का पिछले कई दशकों से चल रही दुकानों पर कारवाई बेमानी है जबकि सरकार को चाहिए की वो भविष्य के लिए क़ानून सख़्त बनाए जिससे कोई उसका उल्लंघन न करने पाए । वहीं दूसरी ओर अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार पर भी रोक लगाई जाए ।