अम्बेडकरनगर नगर के लोरपुर ताजन मोहल्ला इस्लामाबाद पत्रकार मोहम्मद इसराइल (अवध 24 न्यूज़ ब्यूरो चीफ) के दादा मरहूम हाजी मोहम्मद आलम के इसाले सबाब के लिए एक ताजियाति जलसे का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत मदरसा अमीरे मिलत लोरपुर के मुदर्रिस हाफिज मोहम्मद इम्तियाज अहमद ने तिलावते कुरान ए पाक से किया। जिसमे शायरे इस्लाम मोहम्मद गुफरान लोरपुरी ने नात मनकबत के आसार पेश किया। तकरीर को संबोधित करते हुए, हाजी व् कारी ज़ाकिउल्ला गाजीपुरी ने हुजूर मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम पर रोशनी डालते हुए कहा, कि हम मुसलमानों के लिए जरूरी है कि वह अपने जिंदगी कुरान व हदीस की रोशनी में गुजारे ताकि वह खुद भी दोजक की आग से बचें और अपनी औलाद को भी बचाए। आज हमारे समाज में जो बुराइयां फैल रही हैं उसका कारण दीनी तालीम से दूरी होना अल्लाह पाक कुरान में जगह-जगह इरशाद फरमाया है खासकर नमाज पर ज्यादा ध्यान दिलाया है। अगर हम अपनी जिम्मेदारियों को भूल बैठे हैं जबकि हमारी फर्ज नमाज़ एक ऐसा कर्ज है जिसकी मगफिरत मरते दम तक नहीं होगी। कार्यक्रम का समापन देर रात रियाज अहमद ने सलातो सलाम से किया। जिसमें मुख्य रूप से मौजूद। सरदार खाँ ,अली हुसैन, रियाज अहमद, अजमत अली, मोहम्मद हनीफ, नबीसर, लच्छी, ताज मोहम्मद, समसुद्दीन, मोहम्मद शाहिद ,नसीम ,असलम, इस्माइल, जमील, मोहम्मद रहीम, मजीद, आदि लोगों का जन सैलाब उमड़ा रहा। रिपोर्ट: मोहम्मद यूसुफ
इसाले सबाब के लिए एक ताजियाति जलसे का आयोजन किया गया
अम्बेडकरनगर नगर के लोरपुर ताजन मोहल्ला इस्लामाबाद पत्रकार मोहम्मद इसराइल (अवध 24 न्यूज़ ब्यूरो चीफ) के दादा मरहूम हाजी मोहम्मद आलम के इसाले सबाब के लिए एक ताजियाति जलसे का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत मदरसा अमीरे मिलत लोरपुर के मुदर्रिस हाफिज मोहम्मद इम्तियाज अहमद ने तिलावते कुरान ए पाक से किया। जिसमे शायरे इस्लाम मोहम्मद गुफरान लोरपुरी ने नात मनकबत के आसार पेश किया। तकरीर को संबोधित करते हुए, हाजी व् कारी ज़ाकिउल्ला गाजीपुरी ने हुजूर मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम पर रोशनी डालते हुए कहा, कि हम मुसलमानों के लिए जरूरी है कि वह अपने जिंदगी कुरान व हदीस की रोशनी में गुजारे ताकि वह खुद भी दोजक की आग से बचें और अपनी औलाद को भी बचाए। आज हमारे समाज में जो बुराइयां फैल रही हैं उसका कारण दीनी तालीम से दूरी होना अल्लाह पाक कुरान में जगह-जगह इरशाद फरमाया है खासकर नमाज पर ज्यादा ध्यान दिलाया है। अगर हम अपनी जिम्मेदारियों को भूल बैठे हैं जबकि हमारी फर्ज नमाज़ एक ऐसा कर्ज है जिसकी मगफिरत मरते दम तक नहीं होगी। कार्यक्रम का समापन देर रात रियाज अहमद ने सलातो सलाम से किया। जिसमें मुख्य रूप से मौजूद। सरदार खाँ ,अली हुसैन, रियाज अहमद, अजमत अली, मोहम्मद हनीफ, नबीसर, लच्छी, ताज मोहम्मद, समसुद्दीन, मोहम्मद शाहिद ,नसीम ,असलम, इस्माइल, जमील, मोहम्मद रहीम, मजीद, आदि लोगों का जन सैलाब उमड़ा रहा। रिपोर्ट: मोहम्मद यूसुफ