आज़मगढ़ के राहुल प्रेक्षागृह में आयोजित मनरेगा योजनान्तर्गत कार्यशाला (सार्वजनिक भूमि का चिन्हिकरण/अतिक्रमण मुक्त अभियान) का शुभारम्भ किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि उक्त कार्यशाला दो सत्रों में लेखपाल, कानूनगो, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी तथा एडीओ को दिया जा रहा है। प्रथम सत्र 10 से 12 बजे तक तहसील सदर, निजामाबाद, बूढ़नपुर, मेंहनगर के विकास खण्ड पल्हनी, सठियांव, जहानागंज, रानी की सराय, तहबरपुर, मिर्जापुर, अतरौलिया, अहरौला, कोयलसा, मोहम्मदपुर, मेंहनगर तथा पल्हना, द्वितीय सत्र 12 बजे से 2ः00 बजे तक तहसील मार्टीनगंज, लालगंज, फूलपुर, सगड़ी के विकास खण्ड तरवां, लालगंज, मार्टीनगंज, फूलपुर, पवई ठेकमा, अजमतगढ़, बिलरियागंज, महाराजगंज तथा हरैया के लेखपाल, कानूनगो, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी तथा एडीओ को प्रशिक्षण दिया गया। आगे जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण देने का उद्देश्य है कि प्रायः यह देखा जा रहा है कि दूरस्थ ग्रामीण अंचलों से आम जनमानस हेतु उपयोगी, सार्वजनिक/सामुदायिक स्थलों पर अनाधिकृत कब्जा/अतिक्रमण किये जाने की शिकायतें संज्ञान में आ रही हैं, जिसके निराकरण हेतु आम जनमानस को अनावश्यक रूप से दूरस्थ ग्रामों से चलकर जनपद मुख्यालय तक आना पड़ता है, इस संबंध में जनपद के प्रत्येक ग्राम में विशेष अभियान चलाकर सार्वजनिक उपयोग हेतु आरक्षित भूमि जैसे- तालाब, पोखरा, नाला, चकरोड, सेक्टर रोड, खेल का मैदान, चारागाह, नवीन परती, बंजर आदि भूमि पर किये गये अवैध कब्जे/अतिक्रमण जनहित के दृष्टिगत अतिक्रमण मुक्त कराते हुए ग्राम में सभी आरक्षित भूमि का चिन्हिकरण/सीमांकन कर मनरेगा योजना के अन्तर्गत नियमानुसार आरक्षित भूमि को विकसित कर आम जनमानस के उपयोगार्थ सुलभ कराया जाना आवश्यक है, जिसमें योजनान्तर्गत पंजीकृत जाॅबकार्ड धारकों को पर्याप्त रोजगार की उपलब्धता के साथ-साथ आम जनमानस को सार्वजनिक उपयोग की भूमि के निर्वाध उपयोग हेतु उपलब्ध होने की उत्पन्न स्थिति से ग्रामीण अंचलों से उक्त प्रकृति की शिकायतों का निस्तारण स्वतः हो सकेगा। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद 05 दिसम्बर 2019 से 30 दिसम्बर 2019 तक जनपद के प्रत्येक राजस्व ग्रामों में विस्तृत मुनादी कराते हुए सार्वजनिक/सामुदायिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर सीमांकन कराये जाने के उद्देश्य से विशेष अभियान चलाया जायेगा। उन्होने बताया कि भूमि पर किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने निजी प्रयोजन हेतु पुनः अतिक्रमित किये जाने की स्थिति में उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। उन्होने बताया कि अभियान के सफल आयोजन हेतु तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी ओवर आॅल प्रभारी एवं तहसीलदार सहायक प्रभारी होंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि उक्त सार्वजनिक/सामुदायिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने में यदि अस्थाई प्रकृति का अतिक्रमण है तो आॅडर जारी कर हटवाना सुनिश्चित करें और जहाॅ पर अतिक्रमण स्थाई प्रकृति का है, वहाॅ पर उ0प्र0 राज्य संहिता के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए अतिक्रमण हटवाना सुनिश्चित करें।