सोमवार शाम में लोकभवन में बैठक हुयी थी इस बैठक में ये फैसला हुआ है कि आरोपियों के पोस्टर लखनऊ की सड़को से हटाए जाये इस बैठक में जिलाधिकारियों के साथ साथ अन्य अफसर भी शामिल थे.19 दिसम्बर को हुयी लखनऊ में हिंसा के दौरान सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचने के लिए 57 लोगो को आरोपी माना गया है और ये भी कहा गया है कि आरोपियो को बख्शा नहीं जायेगा। इस हिंसा से सबंधित लोगो की आजादी में हनन होगा।
आप को बता दे कि योगी सरकार अब तैयारी कर रही है सुप्रीम कोर्ट जाने की. पोस्टर हटाने वाली बात को योगी सरकार ने मानने से इंकार दिया है पोस्टर हटाना सरकार के लिए अपमान की बात है और नागरिको के लिए इस कानून के तहत लखनऊ की सड़को पर आपरोपियो के पोस्टर लगाये गए है सार्वजनिक स्थान पर बगैर इजाजत किसी का पोस्टर या फोटो लगाना गलत है यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है।