इस शहर की आबादी एक करोड़ 80 लाख से भी ज़्यादा है। और पापुलेशन डेंसिटी भी ज़्यादा है।आपको बता दे मुम्बई में हर वर्ग किलो मीटर पर 29 हज़ार से ज़्यादा लोग रहते है। और यहाँ की लाइफ लाइन यानी लोकल ट्रेन की अगर बात करें तो हर रोज़ 70 लाख से ज़्यादा लोग सफर करते है। लेकिन क्या मुम्बई की ट्रेन इस प्रकार के वायरस का सामना करने के लिए तैयार है। खबरों के मुताबिक सेंट्रल रेलवे के पीआरओ का कहना है।”जो कुछ मुमकिन है वह किया जा रहा है। ऐसे में मुम्बई के रेलवे स्टेशन पर अनाउन्समेंट किया जा रहा है। और कोरोना वायरस के बारे में जानकारी दी जा रही है।रेलवे हॉस्पिटल भी इस वायरस का सामना करने को तैयार है।”
महाराष्ट्र के लिए सबसे अच्छी बात यह है नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में है। और इसकी दो ब्रांच मुम्बई और नागपुर में भी है। और यहाँ के डॉक्टरों का कहना है। ” हमारे पास स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों से लड़ने का तजुर्बा है आपको बता दे इससे पहले साल 2009 में स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया गया था।अनुमान है कि स्वाइन फ्लू की वजह से कई लाख लोग मारे गए थे। खबरों के मुताबिक कोरोना वायरस के ताज़ा आंकड़ों 114 देशों में अब तक 126,000 मामले सामने आए हैं।
भारत में भी इसके मरीज़ों की संख्या में इज़ाफ़ा होता जा रहा है। यहाँ 17 विदेशी मरीजों समेत कुल 73 लोगों में संक्रमण की तस्दीक हो चुकी है। इंडिया ने इसके शुरुआती मामले सामने आने के साथ ही चौकसी बरतनी शुरू कर दी थी और अब अपनी तैयारी और बढ़ा दी है।
सरकार का कहना है कि कोरोना को लेकर व्यापक स्तर पर जागरुरता फैलाने की ज़रूरत है। लोगो तक सही जानकारी पहुंचे, यह सुनिश्चित करना होगा क्योंक वाट्सऐप और अन्य माध्यमों से इसे लेकर अजीबोगरीब सुझाव दिए जाने लगे है। लोगो तक सही जानकारी पहुचाने के अलावा मास्क तथा सैनिटाइज़र जैसी चीजें आसानी से अवेलेबल कराने का इंतज़ाम करना होगा।
महाराष्ट्र के लिए बड़ी चुनौती है कोरोना वायरस
चीन का जन्मा कोरोना वायरस महामारी का रूप ले चुका है।बता दे महामारी का नाम आधिकारिक रूप से उस बीमारी को दिया जाता है। जो एक ही वक़्त में दुनिया के अलग अलग देशों में फैल रही हो। वही अगर भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंबई शहर की बात करें तो कोरोना वायरस प्रसार को रोकना काफी बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।