फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने वाला अन्तरराज्यीय गैंग बेनकाब, पाँच आरोपी गिरफ्तार

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पुलिस ने बरामद किए 09 मोबाइल और 04 लैपटॉप

जौनपुर। जलालपुर:पुलिस ने एक बड़े साइबर फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए उस अन्तरराज्यीय गैंग को पकड़ लिया है जो जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों की फर्जी एंट्री कर आम लोगों से भारी रकम वसूल रहा था। गैंग के पाँच सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। उनके कब्जे से कुल 09 एंड्रायड मोबाइल फोन और 04 लैपटॉप बरामद किए गए हैं।

पूरा मामला 22 नवंबर 2025 को सामने आया, जब असबरनपुर निवासी रतन कुमार ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बेटी का बनवाया गया जन्म प्रमाणपत्र फर्जी निकला। प्रमाणपत्र विजय यादव के माध्यम से बनवाया गया था, लेकिन CMO कार्यालय से सत्यापन पर यह जालसाजी पकड़ी गई। जांच में पुलिस को पता चला कि विनय यादव और उसके सहयोगी रामभरत मौर्या सहित कई लोग मिलकर एक संगठित गिरोह बनाकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे थे।

तहरीर के आधार पर मु.अ.सं. 426/2025, विभिन्न धाराओं सहित आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक डॉ. कौश्तुभ के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर आयुष श्रीवास्तव व क्षेत्राधिकारी केराकत अजीत रजक के पर्यवेक्षण में दो टीमें गठित की गईं।

पहली टीम उ.नि. मोहन प्रसाद की अगुवाई में नहोरा सई नदी के पास से अंकित यादव और राज कुमार उर्फ विक्की को तीन मोबाइल और तीन लैपटॉप के साथ गिरफ्तार किया। दूसरी टीम उ.नि. अनिल तिवारी और उ.नि. विजय सिंह ने राशिद, राजीव कुमार और अभिषेक गुप्ता को बाकराबाद हाईवे तिराहे से छह मोबाइल और एक लैपटॉप सहित पकड़ा।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे ग्राम पंचायत की आईडी से मिलता-जुलता पासवर्ड ट्रायल के जरिए प्राप्त करते थे और AnyDesk पर स्क्रीन शेयर कर सिस्टम एक्सेस कर लेते थे। इसके बाद फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार कर मोटी रकम वसूलते थे। गिरफ्तार अभिषेक के खिलाफ उन्नाव साइबर क्राइम में भी मामला दर्ज है।

गिरफ्तारी में साइबर क्राइम जौनपुर व जलालपुर थाने की संयुक्त टीम शामिल रही। पुलिस अब गैंग के नेटवर्क को और खंगालने में जुटी है।

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