Kheta Sarai

राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी चैंपियनशिप में मेरठ की टीम ने जीता गोल्ड, वाराणसी रही दूसरे स्थान पर

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खेतासराय (जौनपुर) क्षेत्र के भूडकुड़हाँ ग्राम में गुरुवार की रात्रि एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब आल इंडिया कबड्डी चैंपियनशिप का भव्य आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों से कुल चौबीस टीमों ने भाग लिया और अपनी प्रतिभा, फुर्ती व खेल भावना का शानदार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देना और युवाओं की प्रतिभा को निखारने का अवसर प्रदान करना रहा।प्रतियोगिता का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व सांसद धनंजय सिंह और विशिष्ट अतिथि विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह प्रिंसू ने फीता काटकर किया। इसके बाद उन्होंने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर खेल की शुरुआत कराई। अतिथियों का भव्य स्वागत माल्यार्पण, अंगवस्त्रम और सरदार भगत सिंह का चित्र भेंट कर किया गया। इस सम्मान को प्राप्त कर दोनों अतिथियों ने आयोजकों का आभार व्यक्त किया। मुख्य अतिथि धनंजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि कबड्डी जैसे पारंपरिक खेल ग्रामीण भारत की पहचान हैं। ये खेल न केवल शारीरिक मजबूती प्रदान करते हैं बल्कि अनुशासन और खेल भावना को भी बढ़ावा देते हैं। वहीं, विशिष्ट अतिथि प्रिंसू सिंह ने कहा कि कबड्डी ऐसा खेल है जिसे बिना किसी बड़े संसाधन के भी खेला जा सकता है। इसमें केवल खिलाड़ी की ऊर्जा, मेहनत और जज्बा ही असली पूंजी होती है। प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में ग्रामीण और खेल प्रेमी मौजूद रहे। दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट और जयकारों ने खिलाड़ियों का उत्साह कई गुना बढ़ा दिया। इस माहौल ने प्रतियोगिता को और रोमांचक बना दिया। देश के विभिन्न हिस्सों से आई टीमों ने अपनी-अपनी क्षमता और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया। दिल्ली आईटीबीपी और हरियाणा की यस-यस-बी जैसी मजबूत टीमों ने भी मैदान पर शानदार खेल दिखाया, लेकिन अंत तक मेरठ की टीम ने बाज़ी मार ली।

 

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मैदान पर खिलाड़ियों की फुर्ती, दमखम और रणनीति देखने लायक थी। हर टीम ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। दर्शकों ने हर पल का आनंद लिया और मुकाबले लगातार रोमांचक बनते गए। खिलाड़ियों ने साबित किया कि कबड्डी केवल खेल नहीं बल्कि जुनून है बी के एकेडमी मेरठ की टीम ने अपने प्रतिद्वंदी को हराकर पहला स्थान प्राप्त किया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्हें प्रथम पुरस्कार के रूप में इक्यावन हज़ार रुपये नकद प्रदान किए गए। वहीं, वाराणसी कबड्डी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया और उन्हें पैंतीस हज़ार रुपये नकद व सिल्वर मेडल मिला। तीसरे स्थान पर जे.डी. एकेडमी नोएडा की टीम रही, जिसे पंद्रह हज़ार रुपये नकद और ब्रॉन्ज मेडल से सम्मानित किया गया। चौथे स्थान पर जौनपुर कबड्डी टीम रही, जिसे पंद्रह हज़ार रुपये का पुरस्कार मिला।इस आयोजन को सफल बनाने में अफ़ान जावेद और जका ख़ान की अहम भूमिका रही। उनके नेतृत्व में पूरी आयोजन समिति ने प्रतियोगिता को सुचारु रूप से संपन्न कराया। इस अवसर पर नवीन सिंह, राणा सिंह, पूर्व प्रधान शाहिद, पूर्व प्रधान मतलूब, इब्राहिम ख़ान, साकिर ख़ान, दानिश समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया।

यह प्रतियोगिता केवल एक खेल आयोजन नहीं बल्कि ग्रामीण भारत की परंपरा और संस्कृति को संजीवित करने का एक प्रयास भी थी। आज जब आधुनिक खेलों की चमक-दमक युवाओं को अपनी ओर खींच रही है, तब ऐसे आयोजन पारंपरिक खेलों को जीवित रखने और नई पीढ़ी को इनसे जोड़ने का बेहतरीन माध्यम साबित हो रहे हैं। कुल मिलाकर, भूडकुड़हाँ ग्राम में आयोजित आल इंडिया कबड्डी चैंपियनशिप ने यह साबित कर दिया कि ग्रामीण भारत की मिट्टी में अभी भी खेलों का जज्बा जीवित है। खिलाड़ियों की मेहनत, दर्शकों का उत्साह और आयोजकों की लगन ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। मेरठ की बी के एकेडमी टीम ने न केवल गोल्ड मेडल जीता बल्कि यह संदेश भी दिया कि खेल भावना और अनुशासन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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