लखनऊ, 1 जुलाई 2025: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार द्वारा रेल किराए में की गई वृद्धि को आम जनता के हितों के खिलाफ बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस फैसले को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि यह देश की जनता, विशेषकर गरीब और मध्यम वर्ग के लिए आर्थिक बोझ को और बढ़ाने वाला है।मायावती ने एक बयान में कहा कि देश की अधिकांश जनता पहले से ही महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और आय में कमी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। ऐसे में रेल किराए में वृद्धि का निर्णय संविधान के कल्याणकारी सिद्धांतों के विपरीत है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह जीएसटी की तरह रेलवे के माध्यम से भी जनता का शोषण कर रही है।
बसपा सुप्रीमो ने रेल यात्रा को करोड़ों लोगों की मजबूरी और जरूरत बताते हुए कहा कि यह कोई ऐशोआराम, पर्यटन या फैशन का साधन नहीं है। विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के लोग, जो रोजगार के लिए पलायन करते हैं, उनके लिए रेल सबसे सस्ता और सुलभ परिवहन माध्यम है। उन्होंने कहा कि किराए में वृद्धि इन लोगों के लिए गंभीर आर्थिक संकट पैदा कर सकती है।मायावती ने केंद्र सरकार से इस जनविरोधी फैसले पर तत्काल पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह आम जनता, खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए सहानुभूतिपूर्ण और कल्याणकारी नीतियां अपनाए। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के फैसले जनता में सरकार के प्रति असंतोष को और बढ़ाएंगे, जिसका खामियाजा सरकार को भविष्य में भुगतना पड़ सकता है।