ख्वाजादोस्त में पानी की भारी किल्लत, लोग बेहाल — जिम्मेदार मौन

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जौनपुर: भीषण गर्मी में जौनपुर नगर के ख्वाजादोस्त मोहल्ले में पानी की किल्लत ने लोगों की ज़िंदगी मुश्किल कर दी है। एक ओर जहाँ केंद्र और राज्य सरकारें “जल जीवन मिशन” और “हर घर नल, हर घर जल” जैसे अभियानों को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर ख्वाजादोस्त के निवासी बूंद-बूंद पानी के लिए दर-बदर भटकने को मजबूर हैं स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक महीने से पानी की सप्लाई पूरी तरह से बाधित है। रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए पानी जुटाना अब लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है। गर्मी के इस कठिन समय में हालात दिन-ब-दिन और बिगड़ते जा रहे हैं, लेकिन नगर पालिका प्रशासन इस ओर कोई ठोस कदम उठाता नज़र नहीं आ रहा।ख्वाजादोस्त वही क्षेत्र है जहाँ पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश टंडन और माया टंडन का आवास भी स्थित है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष की नज़र इस क्षेत्र पर नहीं पड़ रही है। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि मानो वर्तमान नेतृत्व पूर्व अध्यक्षों से कोई निजी दुश्मनी निभा रहा हो। गौहर अली, एक स्थानीय निवासी, ने कहा, “पिछले एक महीने से हम पानी के लिए ऐसे भटक रहे हैं जैसे मछली को पानी से बाहर निकाल दिया गया हो।”
वहीं दयाशंकर ने कहा, “पानी मिल जाने पर ऐसा लगता है जैसे कोई युद्ध जीत लिया हो।

पूर्व सभासद सुनील यादव ने भी वर्तमान हालात पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा, “मेरे कार्यकाल में क्षेत्रवासियों को कभी इस तरह की परेशानी नहीं हुई। आज जो हालात हैं, उसमें दोष जनता का भी है। जब कोई बाहरी व्यक्ति चुनाव जीतता है, तो वह स्थानीय जनता से जुड़े दर्द को कैसे समझेगा?” लोगों का कहना है कि वह बार-बार शिकायतें दर्ज करा चुके हैं, लेकिन उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। न तो पानी की सप्लाई ठीक की गई, न ही वैकल्पिक व्यवस्था की गई। इस उपेक्षा ने प्रशासनिक संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है अब देखना यह होगा कि नगर पालिका परिषद कब जागती है और जनता की इस बुनियादी ज़रूरत को लेकर कोई ठोस कार्रवाई करती है।

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