यूपी में प्रतापगढ़ के कुंडा सीट से विधायक राजा भैया और मायावती के बीच की अदावत किसी से छिपी नहीं है…..राजा भैया 1993 के बाद जितने भी चुनाव लड़े सबमें उन्हें विजय हासिल हुई…. वह हर बार निर्दलीय ही लड़े और जीते… हालांकि सपा और भाजपा सरकार में वह मंत्री भी रहे… मुलायम सिंह यादव और कल्याण सिंह के साथ उनके अच्छे संबंध थे… अखिलेश यादव ने भी उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया था… हालांकि मायावती से रघुराज प्रताप सिंह का हमेशा 36 का आंकड़ा रहा… मायावती ने ना सिर्फ उन्हें बल्कि उनके पिता महाराज उदय प्रताप सिंह को भी जेल की सैर करा दी थी….
मुख्यमंत्री रहते हुए मायावती ने राजा भैया को पोटा के तहत जेल भी भिजवाया था. राजा भैया के पिता को भी जेल जाना पड़ा था…राजा भैया से जुड़ी कई बातें अकसर चर्चा में रहती हैं. ऐसा ही एक मामला है जिसमें कहा जाता है कि राजा भैया ने 1995 में गेस्ट हाउस कांड के दौरान मायावती को चप्पल दिखाई थी…..एक इंटरव्यू में राजा भैया से इस बाबत सवाल भी पूछा गया कि क्या यह बात सही है? इसके जवाब में राजा भैया ने कहा कि ये सब मनगढ़ंत बातें हैं..उन्होने कहा जब लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड हुआ था तब मैं वहां था ही नहीं, मैं उस समय अपने गांव बेती में था… दूसरा इस तरह की हरकतें करना, किसी को चप्पल दिखाना मेरे संस्कार और संस्कृति में नहीं है…. वहीं अखिलेश और राजा भैया के रिश्ते की बात करें तो एक इनटरब्यू के दौरान अखिलेश ने राजा भैया को पहचानने से ही इनकार कर दिया…बात उस वक्त की है जब अखिलेश ने बसपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था….समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया… इस गठबंधन के कारण राजा भैया की नाराजगी सामने आई थी… अखिलेश यादव के साथ भी उसी समय से राजा भैया के रिश्ते खराब होने शुरू हुए… गठबंधन के बाद राज्यसभा चुनाव 2019 के दौरान दोनों नेताओं के रिश्तों में कड़वाहट घुल गई… दरअसल, अखिलेश चाहते थे कि राजा भैया गठबंधन के तहत राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी को वोट दें… लेकिन, उन्होंने मायावती के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी को वोट दे दिया…जिसके बाद दोनों के रिश्ते खराब हो गए….
एक जनसभा के बाद पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आखिर सपा सरकार में मंत्री रहे कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से इतनी नाराजगी क्यों है? इस पर अखिलेश ने कहा- ‘कौन हैं राजा भैया… ये कौन हैं?’ सपा और राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के बीच गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल का भी अखिलेश ने जवाब देने से इनकार कर दिया था…और अब राजा भैया के सामने सपा ने भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है….सपा और भाजपा दोनों ने ही राजा भैया के खिलाफ उम्मीदवार उतारें है…इस बार राजा भैया की राह आसान होने वाली नहीं है….