आजमगढ़ जिले की सगड़ी तहसील में लगातार घाघरा का जलस्तर बढ़ रहा है। जिले में खतरा निशान 71:68 मीटर है और खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। जिले में 4 दिन के दौरे पर आए प्रभारी नोडल अधिकारी के रविन्द्र नायक ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर गांव वालों को आश्वस्त किया कि आप लोग को डरने की जरूरत नहीं। प्रभारी अधिकारी का कहना है कि यह प्राकृतिक समस्या है। बंधे पर कोई खतरा नही है। प्रशासन का प्रयास लगातार जारी है। नोडल अधिकारी का कहना है कि नदी कटान से लगभग 400 गांव में पानी आ जाएगा। ऐसे में बोरियों में बालू भरकर पानी रोकने का प्रयास किया जा रहा है। कल से लगातार घाघरा का वाटर लेबल कम हो रहा है। जनता को डरने की जरूरत नहीं
नोडल अधिकारी के रविन्द्र नायक ने जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि जनता को डरने की जरूरत नहीं। प्रशासन ने बाढ़-प्रभावित इलाकों में पीएससी, गोताखोर व नाव की पर्याप्त व्यवस्था है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में आश्रय स्थल बनाए गए हैं।
आज़मगढ़ घाघरा का लगातार बढ़ रहे जलस्तर से 15 गांव प्रभावित हो रहे हैं। प्रभावित होने वाले गांवों में प्रमुख रूप से अराजी अजगरा, मगरबी, देवारा अचल सिंह, अजगरा मगरबी, सोनौरा, देवारा इस्माइलपुर, महाजी देवारा जदीद, पहाड़पुर, सेमरी, अराजी नौबरार, करखिया कितावन, बांका बूढ़न पट्टी, अब्बन पट्टी, अराजी अजगरा, गांगेपुर व चक्की हाजीपुर प्रमुख हैं। इन गांवों की लगभग 10 हजार की आबादी प्रभावित है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को आने-जाने के लिए 26 नाव लगा दी गई हैं। इसके साथ ही मेडिकल टीम लगातार काम कर रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने के लिए 60 शरणालय व 40 सोलर लाइट लगा दी गई हैं। बाढ़ चौकियों से लगातार निगरानी की जा रही है।
वर्ष टेकनपुर जोकहरा तटबंध टूटने के कारण 195 गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। बाढ़ से 65686 जनसंख्या प्रभावित होने के साथ 28 पक्के मकान व 50 मंडई गिर गई थी। किसानों की 386,39 हेक्टेयर कृषि प्रभावित हुई थी। सरकार ने 5 करोड़ 52 लाख का मुवावजा किसानों को दिया था। इससे बाढ़ की विभिषिका का अंदाजा लगाया जा सकता है।