अम्बेडकरनगर ,(दिनेश वर्मा ) समय परिवर्तन के साथ राजनीति में भी परिवर्तन होना लाजिमी है |लोकतन्त्र में जनता भी नया मुखौटा के साथ राजनितिक पार्टी को भी समय समय पर अवसर देती है | क्षेत्रीय कार्यों के आधार पर राजनेताओं के टिकाऊपन की गणना होती है | वर्ष 2000 के दशक मेँ अम्बेडकरनगर जनपद की सभी विधान सभा की सीटें और क्षेत्र बहुजन समाज पार्टी के दुर्ग के रुप में जानी जाती रहीं | परन्तु बदलते समय के साथ समाजवादी पार्टी ने भी अपना पाँव पसारना शूरु किया था परन्तु उसे सभी विधान सभा सीटों पर कामयाबी नही मिली थी |
क्योकि यहाँ की अधिकाँश जनसंख्या दलित और पिछडा वर्ग से होने के कारण यह जनपद बसपा का गढ माना जाता है |2022में होने वाले विधान सभा चुनाव की तैयारी में सभी छोटी बडी राजनीतिक दलों के राजनेता रैली कर अपनी ताकत की आजमाइस करने लगे है |बसपा के ढहे हुए पुराने किले में अपना कब्जा जमाने के लिए आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर ऊर्फ रावण ने साईकिल रैली कर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को अपनी ताकत का एहसास दिला दिया कि हम किसी से कम नही है |उनका कारवाँ जिला मुख्यालय होता हुआ टाण्डा मे पँहुचा टाण्डा से अकबरपुर जाते समय उनका जगह जगह फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया |पिछडा वर्ग और दलित समाज तथा मुस्लिम समाज के युवाओं ने साईकिल रैली को कामयाब बनाने में अपना योगदान दिया |कुछ भी हो 2022के विधान सभा चुनाव में यह दल बसपा के लिए राजनीतिक राह में बाधा बनने का कार्य तो अवश्य करेगा |