कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस खतरनाक बीमारी से रोजाना करीब तीन हजार लोगों की मौत हो रही है और लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं। दुर्भाग्य यह है कि वायरस ठीक होने के बाद मरीजों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। मरीजों में ठीक होने के बाद भी कुछ लक्षण सामने आ रहे हैं जिन्हें लॉन्ग कोविड कहा जाता है।
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें मरीजों को ठीक होने के बाद भी कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। इससे मरीज फेफड़ों, हृदय, गुर्दे, या मस्तिष्क से जुड़े लक्षण महसूस कर सकता
यह लक्षण हफ्ते या महीने तक रह सकते हैं।
सीडीसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जॉन ब्रूक्स का मानना है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ अभी भी लॉन्ग कोविड को ‘अच्छी तरह से समझा नहीं पाए हैं।
डॉक्टर के अनुसार, अगर आपको कुछ ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जो कोरोना के बाद कुछ नए हैं जैसे कि सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।
कोरोना श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और यह फेफड़ों को नुकसान करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सीने में दर्द एक लक्षण हो सकता है। दर्द के साथ छाती में बेचैनी कोरोना का एक गंभीर लक्षण भी हो सकता है, जो ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक बना रहता है।सांस की तकलीफ एक सामान्य कोरोना का लक्षण है। जबकि कोरोना सांस की बीमारी है, इससे मरीजों के लिए आसानी से सांस लेना मुश्किल हो सकता है। यह उन्हें भी महसूस हो सकता है, जो पहले से ही ठीक हो चुके हैं।
ठीक हुए कोरोना के मरीजों को दिमाग से जुड़ा लक्षण ब्रेन फोग महसूस हो सकता है। ठीक होने वाले कई लोगों ने इसकी सूचना दी है। इसकी वजह से लोग स्मृति हानि, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं।
भारत में कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 3689 लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह इसकी जानकारी दी गई। देश में एक दिन में कोरोना से हुई ये सबसे अधिक मौतें हैं। वहीं इसी अवधि में तीन लाख 92 हजार 488 नए मामले भी सामने आए हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में ही शनिवार को 412 लोगों ने दम तोड़ दिया। ये एक दिन में दिल्ली में कोरोना से सबसे ज्यादा हुई मौत है। वहीं राजधानी में संक्रमण के 25,219 नए मामले भी सामने आए। आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में में अभी संक्रमण दर 31.61 फीसदी है।
इलाज करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 33,49,644 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 17.13 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर और गिरकर 81.77 प्रतिशत हो गई है। बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 1,59,92,271 हो गई है जबकि इससे मृत्यु दर भी घटकर 1.10 प्रतिशत हो गई है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक एक मई तक 29,01,42,339 नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 18,04,954 नमूनों की शनिवार को जांच की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौत अन्य गंभीर बीमारियों के कारण हुई है।