मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 26,719 लोग उपचारित होकर डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश में अब तक 8.04 लाख से अधिक लोग कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। यह सुखद स्थिति ‘दवाई भी-कड़ाई भी’ के सूत्र को प्रभावी ढंग से अमल में लाने का परिणाम है। हमें टेस्टिंग और ट्रेसिंग को दोगुनी क्षमता में बढ़ाने की जरूरत है। इस दिशा में कार्यवाही की जाए।
उन्होने कहा कि प्रदेश में अब तक 97,83,416 लोगों को कोविड टीके की पहली डोज दी जा चुकी है, जबकि 20 लाख से अधिक लोगों को दोनों डोज लग चुकी है। इस तरह टीके की 1,17,83,880 डोज एडमिनिस्टर की जा चुकी है। प्रदेश में वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता है। एक मई से शुरू हो रहे टीकाकरण के आगामी अभियान के संबंध में विधिवत पूरी तैयारी कर ली जाए।
योगी ने कहा कि संक्रमण की तेज दर को देखते हुए वर्तमान संसाधानों में न्यूनतम दोगुने का विस्तार जरूरी है। हर तरह की चुनौती के लिए हमें तैयार रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग बेड बढ़ोतरी के लिए कार्ययोजना तैयार कर लागू करे।स्वास्थ्य विभाग सभी जिलों में कम से कम दो-दो और सीएचसी को इस कार्य में जोड़ें। इसी तरह चिकित्सा शिक्षा विभाग नए मेडिकल कॉलेजों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में तैयार कराए। इन अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।
उन्होने कहा कि निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के उपचार के लिए तथा कोविड टेस्ट के लिए शासन स्तर पर दरें तय की गई हैं। मंडलायुक्त/जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी ओवरबिलिंग न हो। शासन ने कोविड मरीजों के लिए डिस्चार्ज पॉलिसी तय की है, उसे सभी जिलों में समान रूप से प्रभावी बनाया जाए।
स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित कराए कि सभी सरकारी और निजी अस्पताल जिनकी क्षमता 100 से अधिक बेड की है, उनके पास स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट हो। यह कार्य प्रदेश में अभियान के रूप में चल रहा है। निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहित करें, सरकार सभी जरूरी सहयोग देगी। ऑक्सीजन प्लांट स्थापना की कार्यवाही तेज की जाए, इसकी हर दिन समीक्षा की जाए। इस कार्य में केन्द्र सरकार का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। प्लान्ट स्थापना में केन्द्र सरकार को अविलंब प्रस्ताव भेज दिया जाए।
कोविड मरीजों के आवागमन के लिए सभी जिलों में पर्याप्त एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं। यह सभी 24×7 क्रियाशील रहें। एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम होना चाहिए। हर जरूरतमंद को एम्बुलेंस मिले। जिलाधिकारी और सीएमओ को इसके लिए जिम्मेदार बनाया जाए।
आमजन को बेड की उपलब्धता की समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। प्रदेश में ऐसे सभी हॉस्पिटल जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, प्रत्येक दिन में दो बार अस्पताल में रिक्त बेड का विवरण सार्वजनिक करें। यह विवरण जिले के इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के पोर्टल पर भी अपलोड कराया जाए। बेड का आवंटन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए। सभी जिला प्रशासन इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कराएं।
उन्होने कहा कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले सभी कार्मिक मास्क व ग्लव्स का उपयोग करें। संक्रमण की दर में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, पुलिस फोर्स को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाए। कोरोना से बचाव के संबंध में व्यापक जागरूकता का कार्यक्रम संचालित किया जाए। इसके लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रभावी उपयोग किया जाए।