नयी दिल्ली; कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामलों की सुनवाई के लिए दो विशेष न्यायाधीशों की नियुक्ति के बाद उच्चतम न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह और वकील राजेश बत्रा को विशेष सरकारी वकील (एसपीपी) नियुक्त किया है।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को संबंधित पक्षों की रजामंदी के बाद सिंह और बत्रा को एसपीपी नियुक्त किया।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह शीर्ष अदालत ने अरुण भारद्वाज और संजय बंसल को विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया था। पहले यह जिम्मा श्री भरत पराशर निभा रहे थे। इस बार दो विशेष अदालत गठित की गयी है और इसके लिए दो जज नियुक्त किये गये हैं।
अब न्यायालय ने दो एसपीपी भी नियुक्त कर दिये हैं। इससे पहले आर एस चीमा 2004 से एसपीपी की भूमिका निभा रहे थे, लेकिन उन्होंने अपनी अधिक्र उम्र और सहयोगी विधि अधिकारियों की कमी का हवाला देते हुए जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि यद्यपि किसी व्यक्तिगत के नाम पर आम सहमति नहीं बनी है, लेकिन सभी संबद्ध पक्षों ने समवेत स्वर में कहा कि शीर्ष अदालत को ट्रायल कोर्ट के वैसे वकील को एसपीपी बनाया जाना चाहिए जिसकी ईमानदारी संदेह से परे हो।