कल भारतीय जनता पार्टी ने जो बिहार के चुनाव को लेकर वर्चुअल रैली की थी उस रैली पर पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के मुखिया उन्होंने वर्चुअल रैली पर प्रश्न खड़ा किया लेकिन उस प्रश्न खड़ा करने पर वर्चुअल का सहारा लिया वर्चुअल के माध्यम से ही प्रश्न खड़ा किया है ट्विटर पर तो इसलिए मैं उनको बताना चाहता हूं कुछ साल पूर्व आप बच्चों को लैपटॉप बांट रहे थे जो बच्चे पढ़ने वाले से लिखने वाले थे उनको आप लैपटॉप बांट रहे थे इसके पीछे आपकी मंशा अपनी पार्टी के प्रचार अपनी फोटो ग्राफ थी वर्चुअल नहीं था आप नहीं चाहते थे बच्चे आप नहीं चाहते थे बच्चे इस टेक्नोलॉजी से पढ़ें आपने अपना परिचय करने के लिए उस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे थे यह साफ हो गया है आप इन सब चीजों से कुछ से पहले की बात बताना चाहता हूं जब देश में कंप्यूटर आ रहा था तब आपके पिताजी ने उस कंप्यूटर का विरोध किया था यह कंप्यूटर से देश बर्बाद हो जाएगा यहां ऐसा हो जाएगा वैसा हो जाएगा आपने डिजिटल का भी विरोध किया टेक्नोलॉजी का भी विरोध किया आज आप वर्चुअल उसका भी विरोध कर रहे हैं रैलिस का अरे भाई इससे समय भी बच रहा है धन का दुरुपयोग भी बच रहा है क्योंकि तो आप अपनी रैली में 7 करोड़ की बस बनवा कर खड़ी किया मुख्यमंत्री आवास के बाहर उससे आप प्रचार करने निकले थे वह 50 मीटर भी नहीं चली थी पता है आपको फिर वही खड़ी हो गई लेकिन 7 करोड़ों रुपए उत्तर प्रदेश की जनता का बर्बाद किया था आपने हम दुरुपयोग करने वाली पार्टी नहीं है भारतीय जनता पार्टी हर चीज का सही इस्तेमाल जनहित में कटती है इसलिए यह वर्चुअल रैली जो है अपने आप में एक नया संदेश और ऐसे समय में जिस समय लोगों को सुरक्षा भी देनी है इस समय ऐसी चीजें करने से हम लोगों को सुरक्षित भी रख सकते हैं और अपनी बात उन तक पहुंचा सकते हैं उनकी बात हमारे तक आ सकती है ।इसलिए आपको भी माध्यम पता है लेकिन विरोध करते वक्त आप भूल जाते हैं कि विरोध किस बातें कर रहे हैं असली आपकी खता नहीं है आप राहुल गांधी जी के साथ रही लिए थोड़ा इसलिए कंफ्यूजन हो गया है आपकी जिंदगी में तो उस कंफ्यूजन को दूर करिए नहीं तो आप लोग घर की महिलाएं बहुत तेज हो गई है ।
रिपोर्ट : वसीम अहमद