उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जनपद में दो बड़ी घटनाओं ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया। वैसे उत्तर प्रदेश पुलिस अपने कार्यों से कम अपने कारनामों से ज्यादा सुर्खियां बटोरती है। पहली घटना टांडा अंबेडकर नगर में हुई। जिसमे पीड़ित परिवार के मुताबिक युवक अपनी भूख मिटाने के लिए बिस्कुट के पैकेट लेने के लिए ताज टॉकीज गया। वहां कुछ पुलिसकर्मियों ने उसे पीट दिया। जिससे उसे गंभीर चोट आई थी। और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
दूसरी तस्वीर भी इसी जनपद की है जो एक बार फिर अंबेडकर नगर पुलिस को शर्मसार करने पर मजबूर कर रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि किसानों को शासन प्रशासन की तरफ से राहत है अपना कार्य कर सकते हैं सोशल डिस्टिंक्शन को देखते हुए। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में गेहूं की कटाई हो रही है और लोग खेतो से अनाज अपने घर ले जा रहे हैं एक दलित परिवार अपने खेतों में भूसा भर रहा था। तभी कुछ पुलिसकर्मियों ने आकर कि उन्हें पीटना शुरू कर दिया। जिससे पीड़ित परिवार को गंभीर चोट आई है इसमें 5 सदस्य बताए जा रहे हैं।
जिसमें दो महिलाएं तीन पुरुष शामिल है। तस्वीरें देखकर आपको ज्यादा लग गया होगा कि पुलिस ने किस तरीके से किसानों पर लाठियां बरसाई है। पूरे मामले पर लीपापोती करने के लिए भी पुलिस लगी हुई थी। पीड़ित परिवार के मुताबिक डायल 112 और कमाल तिराहे पर लगे बैरियर पर पुलिसकर्मियों को किसान परिवार ने सूचना दी थी। किस कार्य के लिए हम जा रहे हैं इसके बावजूद पुलिस कर्मियों ने खेत में पहुंच कर उन पर खूब लाठियां बरसाई। अब देखने वाली बात यह होगी कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर साहब मेहरबान रहते हैं या फिर उन पर कार्रवाई होगी।