उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना के मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है ,वही एक तरफ कोरोना ने लोगों की कमर तो तोड़ी ही है , दूसरी तरफ लोग भूखमरी की कागार पर है अब ऐसे में देश की जनता को कोरोना के क़हर से बचाना ही होगा ,कोरोना वायरस की वजह से आज देश मे हाहाकार मचा हुआ है देश की जनता एक तरफ तो कोरोना की मौत मर ही रही है दूसरी तरफ भूखमरी की मौत मरने को मजबूर है।
सरकार ने देश को कोरोना की क़ैद से छुड़ाने का तो इंतेज़ाम किया लेकिन गरीब जनता का पेट कैसे भरेगा
यहां तक की गरीबों का मसीहा आलू और दाल भी ग़रीबी में जनता का साथ नही दे रहा है साथ ही हरी मिर्च ने भी अपना तीखा पन तेज़ कर लिया है अब आखिर इस महामारी का सामना जनता करे तो कैसे करे?
बता दे मंगलवार को कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है। सबसे अधिक मरीज आगरा-नोएडा के 11 हैं। इसके बाद लखनऊ और आगरा के 8-8 और गाजियाबाद के 3 मरीज़ में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है।
इसी तरह शामली, लखीमपुर-खीरी, पीलीभीत, वाराणसी, मुरादाबाद, कानपुर और जौनपुर में कोरोना वायरस से संक्रमित एक-एक मरीज़ पाए गए हैं। इनमें से 11 लोग स्वस्थ हो गए हैं और उन सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इनमें 7 आगरा, 2 ग़ाज़ियाबाद और लखनऊ और नोएडा का एक-एक मरीज़ है। प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के अस्पतालों में मंगलवार को कोरोना संदिग्ध 72 मरीज़ अस्पतालों में भर्ती किए गए हैं। कोरोना प्रभावित देशों से अब तक 18334 लोग प्रदेश में लौटे हैं। इनमें से अभी भी 5849 लोगों को 28 दिन की निगरानी में रखा गया है।