शिक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले माफ़ियाओं का हुआ भंडाफोड़

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यूपी सरकार द्वारा नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के बाद शातिर नकल माफियाओं ने दूसरा रास्ता अख्तियार कर लिया .जिसका खुलासा आज अम्बेडकरनगर पुलिस ने किया है.पुलिस की गिरफ़्त में माध्यमिक शिक्षा विभाग के कुछ ऐसे कर्मचारी और उनके सहयोगी आये है.जो पिछले कई वर्षों से फेल-पास के इस काले धंधे में शामिल थे.

पुलिस की माने तो बोर्ड परीक्षार्थियों को पास कराने का खेल वर्ष 2016 से खेला जा रहा है.इस काले खेल में पच्छिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और मुज्जफरनगर के शिक्षा माफिया पूर्वी उत्तर-प्रदेश के अम्बेडकरनगर के शिक्षा माफियाओं के साथ सांठ-गांठ कर बोर्ड परीक्षार्थियों से मोटी रकम लेकर उनका नंबर बढ़ाने का काम करते थे….पुलिस के हत्थे चढ़े ये नकल माफिया बोर्ड परीक्षा की समाप्ति के बाद , ये पता लगाते थे कि ये कांपियाँ जाँचने के लिए किस जिले के किस सेंटर पर जा रही है…फिर सेंटर का पता लगने के बाद , उस सेंटर के कर्मचारी से सीधा संपर्क करते थे…और यही से शुरू होता था फेल को पास कराने का खेल.इस गोरखधंधे में संयुक्त शिक्षा निदेशक अयोध्या मंडल के कार्यालय में बतौर ऑडिटर के पद पर तैनात प्रमोद श्रीवास्तव अहम भूमिका निभाता था…शिक्षा विभाग का यही कर्मचारी पूर्वी उत्तर-प्रदेश और पच्छिमी उत्तर-प्रदेश के जिलों में सक्रिय नकल माफियों को बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन केंद्रों की सटीक सूचना मुहैया करवाने का काम करता था…जो अब पुलिस की गिरफ्त में है.

इसके अलावा सहारनपुर जिले के देवबंद थानाक्षेत्र का मोहम्मद वामिक नाम के एक जालसाज के अलावा अम्बेडकरनगर जिले के टाण्डा तहसील क्षेत्र के कौमी इंटर कॉलेज का रिटायर्ड कर्मचारी मोहम्मद मोबीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है….जबकि इस काले खेल में शामिल मुज्जफरनगर जिले का स्कूल संचालक अभी फरार है…पुलिस के हत्थे चढ़े इस शातिर नकल माफियाओं के पाया से चार अदद टाइपशुदा अंग्रेजी, विज्ञान और कला विषय की परीक्षार्थी क्रमांक सूची, 65,700 रुपये के अलावा अलग-अलग बैंकों के पांच एटीएम कार्ड बरामद हुई है….

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