सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्र्ष्टाचार मुक्त प्रदेश का दंभ भले ही भरती हो लेकिन उनके नुमाइंदे अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ तक डूबे हुए हैं। यह अधिकारी कर्मचारी जिंदा व्यक्ति को मुर्दा घोषित करने में जरा भी संकोच नहीं कर रहे हैं। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला अमेठी तहसील मुसाफिरखाना में सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर देखने को मिला जहां एडीएम वंदिता श्रीवास्तव के सामने पहुंचा 70 वर्षीय बुजुर्ग । और साहब मैं जिंदा हूं की लगाई गुहार, बुजुर्ग ने कहा कि मुझे मृतक दिखाकर मेरी ज़मीन को लेखपाल व राजस्व निरीक्षक ने मेरे भाई की पत्नी के नाम वरासत कर दिया है। मैं सालों से भटक रहा हूँ। मुझे न्याय चाहिए।
दरअसल पूरा मामला मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र के विकास खंण्ड बाजार शुक्ल का है। जहां पर शेखपुर भडरा निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग ने अपने जिंदा होने की गुहार लगाते हुए सम्पूर्ण समाधान दिवस में अपर जिलाधिकारी वंदिता श्रीवास्तव के समक्ष उपस्थित हो कर अपनी व्यथा सुनाई, और राजस्व निरीक्षक व लेखपाल पर भ्रस्टाचार का आरोप लगाते हुए बताया कि मेरे भाई की पत्नी से प्रेरित होकर मेरे जिंदा रहते हुए मेरी ज़मीन को मेरे भाई की पत्नी के नाम वरासत कर दिया जबकि मेरे तीन पुत्र है, और मैं आजतक अपने जीवित होने का प्रमाण देता फिर रहा हूं। बुजुर्ग की बात सुनकर दंग रह गई अपर जिलाधिकारी, मातहतों को बुलाकर फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई करने का दिया निर्देश।