यहां अंदर आकर देखने पर पता चला कि शौचालय में खाना बन रहा था। नजारा हैरान कर देने वाला था। घर के मालिक से जब इस बारे में कारण पूछा गया तो उनका सिर्फ इतना ही कहना था कि हमें अभी तक आवास नहीं मिला है। जिसके चलते झोपड़ी में हम अपना जीवन काट रहे हैं। मजबूरी में हम शौचालय को रसोई घर बनाकर यहां खाना बना रहे हैं।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि शौचालय तो इसलिए बनाया गया कि लोग खुले में शौच करने न जाएं और जिला भी ओडीएफ घोषित हो चुका है। लेकिन फिर भी गांव की यह हालत प्रशासन पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर रही है।
घर के मालिक राम प्रकाश ने बताया कि वह शौचालय को शौच के लिये इस्तेमाल नहीं करते, क्योंकि हमारे पास घर की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए मजबूरी में हमने शौचालय को रसोईंघर बना दिया।
राम प्रकाश ने माना कि वह गलत कर रहे हैं, लेकिन जब उनके पास रहने का ठिकाना नहीं है तो वह खाना कहां बनाएं। उन्होंने बताया कि प्रधान से कई बार कॉलोनी के लिये कहा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
राम प्रकाश की पत्नी मालती ने बताया कि उन्हें शौचालय में खाना बनाना बिलकुल अच्छा नहीं लगता, लेकिन घर न होने के चलते वह मजबूर हैं। उन्होंने कई बार प्रधान से भी कहा लेकिन हमें आवास नहीं मिला। उन्होंने बताया कि मजबूरी में उनका पूरा परिवार शौच के लिये बाहर जाता है। उऩ्होंने सरकार से मांग की कि उन्हें रहने के लिये आवास दिया जाए।
वही इस मामले पर बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉक्टर आदर्श सिंह ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। इसके अलावा जिसका नाम भी पात्रता सूची में दर्ज होता है उसे पीएम आवास दिया जाता है।
इसके अलावा जो भी लोग सूची से छूटे हुए हैं और पात्र हैं, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आच्छादित किया जाना है। डीएम ने कहा कि मामले की जांच कराने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा अगर वह पात्र होंगे तो उन्हें अवास दिलवाया जाएगा।