संत समागम हरि कथा गुरु जग दुर्लभ दोय ” को चरितार्थ करते हुए ब्रह्मलीन संत रामानंद सरस्वती जी की पुण्यतिथि पर 1 जनवरी से आयोजित कार्यक्रम का आज भंडारा व संत विदाई के साथ समापन किया गया जहां भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर स्वामी का आशीर्वाद प्राप्त किया। 10 दिवसीय वार्षिक महोत्सव के समापन अवसर पर आश्रम के महंत जयराम दास महाराज ने कहा इंसान के कामों की चमक के आगे हीरे मोती की चमक फीकी पड़ जाती है । कर्म ही पूजा है । सत्कर्म ही ईश्वर की सर्वश्रेष्ट सेवा है । परहित ही सत्कर्म है । मन, वाणी तथा वचन से की गई सेवा व्यर्थ नहीं जाती है । शरीर द्वारा की गई सेवा शरीर छूटने के साथ छूट जाती है लेकिन मन से की गई सेवा कभी नहीं छूटती। इस अवसर पर शिक्षक संघ के राष्ट्रीय नेता रामपाल सिंह , पूर्व चेयरमैन तिंदवारी रमाकांत सिंह पटेल दद्दू एवं बृजेश सिंह पटेल, विकास खंड अधिकारी पीयूष मोहन श्रीवास्तव भाजपा नेता आनंद स्वरूप द्विवेदी, दिनेश यादव ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान ज्ञान सिंह यादव, निसार अहमद पठान, श्री चंद्र सिंह, प्रेम सिंह, बड़े लाल सिंह पटेल, अरुण सिंह पटेल, जगराम विश्वकर्मा ,महा नारायण शुक्ला, छेदीलाल सिंह फौजी, गुलाब सिंह, जय गोपाल सिंह सेमरा, केशव सिंह रवि करण सिंह डॉ प्रदीप सिंह सहित तमाम गणमान्य उपस्थित रहे।