मामला पैलानी तहसील के तहसील परिसर का है। जहाँ पर लेखपाल संघ द्वारा उपजिलाधिकारी पैलानी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। लेखपालों ने बताया, कि एसीपी विंस गति वेतन उच्ची करण पेंशन विसंगति मोटरसाइकिल भत्ता पदोन्नति आदि मांगों पर शासन के सहमति के बावजूद शासनादेश निगत होने के कारण उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ द्वारा दिनांक 15 /10/ 2019 के अनुसार05/11 /2019 तक आंदोलन निरस्त है। दिनांक 05/11/2019 से पूर्व प्रदेश में वर्षो से रिक्त चल रही 7074 लेखपाल पदों का कार्य अतिरिक्त क्षेत्रों के रूप में कर रहे थे जिससे इन ट्रकों के पदों के वेतन के रूप में लगभग 240 करोड़ रुपए वार्षिक शासकीय बचत हो रही थी फिर भी शासन से वित्त विभाग द्वारा लेखपाल संवर्ग की वेतन भत्ते विंसगति आदि मांगों को बार-बार लटकाया जा रहा है। जिससे परेशान होकर 5 नवंबर 2019 से इन सभी 8000 अतिरिक्त लेखपाल क्षेत्रों का कार्य लेखपालों द्वारा बंद कर दिया गया है। जिससे लगभग 25000 राजस्व ग्रामों का आय, जाति निवास, प्रमाण पत्र, आईजीआरएस ,तहसील दिवस, संदर्भ प्रार्थना पत्रों का निस्तारण, नकल, खसरा, खतौनी, बनाम आंख्या ,वरासत,काप कटिंग, फरमाइश आदि कार्य बंद हो गए हैं। इसके बाद भी कार्रवाई ना होने के कारण एवं ₹333 प्रतिदिन के हास्य पूर्ण नियत यात्रा भत्ता के विरोध में 19/ 11/ 2019 लेखपालों ने अपने निजी मोटरसाइकिल का प्रयोग शासकीय कार्य में बंद कर दिया है। जिससे स्वभाविक रूप से शासकीय कार्यों के संपादन की गति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। फिर भी शासन स्तर पर लेखपाल सवर की मांगों के संबंध में कोई अपेक्षा कार्रवाई प्रणब नहीं की हो रही है। लेखपाल उनका कहना है। कि जब तक हमारी 8 मांगे पूरी नहीं होगी तब तक धरना प्रदर्शन निरंतर ही चलेगा। रिपोर्टर – आशीष सिंह बॉबी ए बी एन न्यूज तिंदवारी