जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा पण्डित राहुल सांकृत्यायन महिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा रजिस्ट्रेशन कक्ष, मुख्य औषधि भण्डार कक्ष,डिलिवरी कक्ष, पेय जल व्यवस्था आदि का निरीक्षण किया गया। उपस्थित कई मरीजों द्वारा बताया गया कि शौचालय प्रायः गन्दा रहता है, जिस पर जिलाधिकारी ने सीएमएस को निर्देशित करते हुए कहा कि शौचालय का प्रत्येक दिन 3 बार सफाई कराना सुनिश्चित करें। लाभार्थी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसकी डिलिवरी आपरेशन से हुई है, आॅपरेशन के लिए 5 हजार रू0 लिया गया है, जिस पर जिलाधिकारी ने उक्त प्रकरण की जाॅच के लिए एडीएम प्रशासन को जाॅच अधिकारी नामित किया है। उन्होने यह भी कहा है कि प्रकरण की स्वयं जाॅच कर एक सप्ताह के अन्दर आख्या रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी द्वारा औषधि भण्डार कक्ष के निरीक्षण में पाया गया कि अधिकांश दवायें भण्डार कक्ष में उपलब्ध है तथा कुछ दवायें भण्डार कक्ष में उपलब्ध नही है। इस पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका द्वारा बताया गया कि डिमाण्ड भेजी गयी है, जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका को निर्देशित करते हुए कहा कि जो दवायें उपलब्ध नही है, जिसकी डिमाण्ड भेजी गयी है, उसकी पूरा रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि औषधि भण्डार कक्ष में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें, जिससे मरीजों को दवायें चिकित्सालय से ही उपलब्ध कराया जा सके।निरीक्षण में पाया गया कि डाॅ0 प्रियंका तिवारी संविदा चिकित्सक एनआरएचएम विगत 02 माह से अनुपस्थित चल रही हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देश दिये कि उनकी सेवायें समाप्त करने तथा उनके स्थान पर किसी अन्य चिकित्सक की तैनाती हेतु मिशन निदेशक एनआरएचएम के लिए पत्रावली सहित पत्रालेख तत्काल प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। जिला महिला अस्पताल में इतनी अधिक संख्या में चिकित्सकों के अनुपस्थित पाये जाने पर यह प्रतीत होता है कि सीएमएस को अधीनस्थों पर शिथिल नियंत्रण है जो संतोषजनक नही है, जिस पर जिलाधिकारी ने सीएमएस को चेतावनी देते हुए कहा कि अपने कार्याें में लापरवाही न करें, यदि भविष्य में निरीक्षण के समय इस तरह की पुनरावृत्ति पायी गयी तो संबंधित चिकित्सक के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।