महिलाओं पर हो रहे यौन हिंसा के खिलाफ कडे़ कानून बनाये जाने की मांग को लेकर मातृशक्ति प्रयास संगठन द्वारा मंगलवार को रैदोपुर स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रतिमा के समक्ष मौन प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला गया। जिसका नेतृत्व इन्दु प्रभा पाठक ने किया तो वहीं संगठन के साथी ने मौन रखकर समाज को आवाज उठाने का दम भरा। बताते चलें कि प्रयास महिला मोर्चा की इंदु प्रभा पाठक ने कहा कि कड़े कानूनों का भय अगर दरिंदों के मन में नहीं है तो इसे कठोरतम बनाकर सरकार यौन हिंसा पर विराम क्यों नहीं लगाती। आईपीसी, सीपीसी में बदलाव से सरकार की हिचक उनकी मानसिकता को दर्शा रही है जबकि आज सरकार बढ़े बेटियां-पढ़े बेटियों का नारा बुलंद कर रही है वहीं बच्चियों की सुरक्षा नाकाफी है। आगे कहा कि नारी स्वाभिमान का प्रश्न अकेली नारी का नहीं है वरन समाज को सम्बल देने आगे आना पड़ेगा।अगर महिलाएं महफूज नहीं है तो देश की प्रभुता किस काम की। ऐसी घटनाएं शर्मनाक है जिस पर प्रयास संगठन चुप नहीं बैठेगा। जब अभिभावकों के साये में ही महिलाओं को घरों से निकलना पड़ेग तो आजादी बेइमानी नजर आती है। आखिरकार अकेली महिला कब तक अपने साथ अपने परिजनों को लेकर चलेंगी। सरकार को कठोर कानून बनाकर मिसाल देना ही होगा। इंजीनियर, उच्च शिक्षित महिलाएं भी दरिंदगी के हाथों महफूज नहीं है, आखिर कैसा समाज हम सब बनाना चाहते है। निर्भया हत्याकांड के बाद ऐसी घटनाओं की पृनरावृत्ति लचीले कानून पर अब सोचने को विवश कर दिया है। अगर सरकार समय रहते नहीं चेती तो पीड़ित के परिजन या समाज के लोग ही कानून के खिलाफ मुखर हो जायेंगे जिसे रोक पाना मुश्किल होगा। इस अवसर पर आंचल, आरिफा खातून, नीलम कुमारी, नीतू प्रजापति, अनामिका विश्वकर्मा, सोनाली चौहान, प्रिया यादव, इंदुप्रकाश पाठक, शमशाद अहमद, डा वीरेन्द्र पाठक, सचिव इंजी सुनील यादव, पंकज सोनकर, अंगद साहनी, मोती लाल अग्रहरि आदि मौजूद रहे।