किसान संघर्ष समिति की बैठक का हुआ आयोजन…

0 minutes, 0 seconds Read

किसान संघर्ष समिति बुढ़नपुर के किसानों का किसान संघर्ष समिति के नेता राम प्यारे के नेतृत्व में एक बैठक गदनपुर तिराहे पे की गई। जिसमें उन्नाव में हुए किसानों के ऊपर लाठी चार्ज की घोर निंदा की गई। उन्होंने कहा कि हम सर्किल रेट का चार गुना पैसा मिलने पर ही अपनी जमीनें देंगे। या तो सरकार अपना रोड कैंसिल करा लें, यह में सर्किल रेट का चार गुना पैसा दे दे, हम लोग सुई के नोक के बराबर भी अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं, हम वरिष्ठ लोगों से सलाह भी ले रहे हैं और विधिक और कानूनी लड़ाई के लिए भी तैयार हैं, अगर हमें कोर्ट से हार का सामना करना पड़ेगा तभी हम जमीन देंगे वरना नहीं देंगे। बता दें कि गोरखपुर कॉरिडोर एक्सप्रेस वे में जा रही किसानों की जमीनों के संबंध में एक आवश्यक बैठक की गई जिसकी अध्यक्षता किसान संघर्ष समिति के नेता राम प्यारे यादव ने की। यादव जी ने बताया कि अगर उन्नाव के किसानों को १२ लाख के ५१०००मिल सकता है तो हमें क्यों नहीं सरकार की मंशा है। कि कॉरिडोर बनाकर हम किसानों की जमीनों को पूंजीपतियों के हाथो मे दे देंगे और जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती हम किसान अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं ,उन्होंने कहा कि गदनपुर से गनपतपुर और गनपत पुर से हैदरपुर तक अंबेडकर रोड बना है। जो रोड पिच है बोर्ड भी लगा है लेकिन सरकार और क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा उसे नाली दिखाया जा रहा है वहीं किसानों का आरोप है कि छितौनी से ये ईदिलपुर तक रोड जो पिच रोड बना है क्षेत्रीय लेखपाल उसे चकरोड दिखा रहे हैं ,और सुखी पुर से मडोहीं नहर तक क्षेत्रीय लेखपाल पिच रोड को चकरोड दिखा रहे हैं। किसानों ने कहा कि हम लोगों के साथ दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। राम प्यारे यादव ने कहा कि अंबेडकर नगर किसानों के साथ भी बिक्री भूमि पर एक सहमति पत्र लगाया जा रहा है जिसपे लिखा गया है कि विक्रेता का कोई भी वारिस भविष्य में मिली धनराशि के अतिरिक्त अन्य किसी भी लाभ के लिए विभाग में दावा नहीं करेगा और ना ही इस संबंध में न्यायालय में कोई वाद दायर करेगा, एक्सप्रेस बनाते समय यदि क्षेत्रफल कम पाया जाता है, अथवा भुगतान गलती से अधिक हो गया है और विक्रेता अतिरिक्त धनराशि वापस नहीं करना चाहता है तो १२ प्रतिशत ब्याज प्रतिवष्र की दर से भू राजस्व की भांति उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे (यूपीडा )को वसूलने का अधिकार होगा और उक्त विक्रय से प्राप्त धनराशि पर आयकर के नियमों के अनुसार यदि आयकर बनता है तो उसकी बिक्री के फलस्वरूप प्राप्त धनराशि में से स्रोत पर ही नियमानुसार कटौती कर ली जाएगी और विक्रेता कोई आपत्ति नहीं कर सकता ।किसान नेता राम प्यारे यादव ने कहा कि इन सब बातों की अभी हम किसानों को कोई जानकारी नहीं थी इस मौके पर करीब १००से अधिक किसान इकट्ठा हुए थे और किसानों के साथ हो रहे सौतेले बर्ताव की निंदा की। इस मौके पर राम प्यारे यादव, अमरनाथ पांडेय, संतराम यादव ,रामजतन सिंह, लक्ष्मण सिंह, जगदम्बा पांडेय,

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *