लखनऊ: देश में भाजपा की प्रचंड बहुमत के बाद रमजान के महीने में जुलूस में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम के लिए प्रशासन ने कई दल को लगाया था। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन और नगर निगम अपनी सुरक्षा की बड़े-बड़े दावा कर रहा था लेकिन दावों की पोल तब की है जब लाखों की भीड़ में आवारा पशु जा घुसा जिससे अफरा-तफरी का माहौल हो गया। आपको बता दें कि राजधानी लखनऊ के सबसे प्रसिद्ध जुलूस में से एक 21वीं रमजान का जुलूस हैं। जुलूस इस्लाम धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब के दामाद हजरत अली की शहादत के मौके पर निकलता है। जिसमें शिया मुसलमान काला लिबास और नंगे पैर या अली या अली की सदाएं बुलंद करते हैं जुलूस में ताबूत की झलक पाने के लिए लाखों की संख्या में मातम दार रहते हैं। या अली या अली की सदा बुलंद करने वाले यह सब रोज़ादर थे जुलूस की भीड़ में 1 सैंड घुसने से अफरा-तफरी का माहौल हो गया। आपको याद दिला देगी आवारा पशुओं को लेकर के प्रदेश सरकार और नगर निगम को कोर्ट ने कड़ी चेतावनी दी थी हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार और नगर निगम दोनों हरकत में आया।
सरकार ने आवारा पशुओं के लिए गौशाला बनवाया और नगर निगम उसको पकड़ कर गौशाला तक ले जाने का कार्य कर रहा था लेकिन लाखों की सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस से लेकर के एनएसजी और बीएसएफ प्रदेश सरकार ने इस बार लखनऊ में तैनात कर दिया था ताकि अजादारों को कोई तकलीफ ना हो बरहाल पुलिस प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रहा था कि सुरक्षा के पूरे इंतजाम हैं। लेकिन कैसी सुरक्षा हजारों की संख्या में वर्दी पहले जवानों ने 1 साल को काबू करने में नाकाम हो गए वैसे सुरक्षा का क्या मतलब बरहाल आवारा पशु इससे पहले भी कई हादसा कर चुके हैं साथ ही बड़े-बड़े नेताओं की जनसभा व रैलियों में भी इनका आतंक देखा गया है। बरहाल आवारा पशुओं को रोकने के लिए सरकार और क्या ठोस कदम उठाती है यह आने वाला समय बताएगा।
रिपोर्ट: _ मीसम रिज़वी।