तक़ी मेहँदी, सुल्तानपुर: जनपद में अधिकतर किसान गेहूँ की बुआई छींट कर करते है जो अधिक वर्षा, तेज हवा चलने से फसल गिर जाती है। निराई गुडाई मे कठिनाई होती है, उत्पादन भी कम होता है। इसको ध्यान मे रखते हुए नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौधोगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बरासिन सुल्तानपुर द्वारा गेहूँ की प्रजाति एचडी 2967 पर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन का आयोजन 7 एकड़ क्षेत्रफल में 7 कृषकों के प्रक्षेत्र पर बल्दीराय विकास खण्ड के गौरा वारामऊ तथा धनपतगंज व्लाक के बरासिन गाव मे कराया गया। केंद्र के अध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश मोर्य ने बताया कि प्रदर्शन कराने का मुख्य उद्देश्य कृषि अनुसंधान केंद्रों, संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयो द्वारा कृषि हेतु विकसित की गई नवीनतम् तकनीको को किसानो तक पहुँचाने , मध्य उत्पादन के कारको के कारणो को जानने तथा कृषकों को तकनीकी अपनाने में आने वाली बाधाओं को पहचानने के उद्देश्य से किसानों के खेत पर केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन का आयोजन किया जाता है। विभिन्न फसलों के बीजो का प्रतिस्थापन प्रतिशत बढ़ाने में इन प्रदर्शनों का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदर्शन लगाये गये किसानो के खेत में पर प्रक्षेत्र दिवस का भी आयोजन किया जाता है। ताकि अधिक से अधिक किसान प्रदर्शन को देखकर अपनाने के लिए प्रेरित हो सके। इसको ध्यान में रखते हुए विकास खंड बल्दीराय के ग्राम गौरा वारामऊ मे प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया।
वैज्ञानिक डा. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि गेहूं एचडी -2967 प्रजाति का प्रदर्शन किसानों के खेत पर कराया गया है। यह प्रजाति 122 से 125 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इसकी ऊंचाई 90 से 95 सेंटीमीटर होती है। जिसकी उपज क्षमता 55-60 कुन्टल प्रति हैक्टर है। उन्होंने सलाह दिया कि गेहूं में अनावश्यक उगे खरपतवार एवँं अन्य पौधों को उखाड कर नष्ट कर दे। प्रक्षेत्र दिवस मे किसान हनुमान प्रसाद, अरुण मित्र दुबे ,अनरूद्थ मौर्य, सुहेल आलम सहित दो दर्जन से अधिक कृषको ने भाग लिया।